चंद्रपुर में मिला 800 साल पुराना और एक किलोमीटर लंबा लोहे का कारखाना

चंद्रपुर -चंद्रपुर में 800 साल पुराना लोहे का कारखाना मिला है.खबर आश्चर्यचकित करती है लेकिन हकीकत है,जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर घंटा चौकी गांव के प्राचीन शिव मंदिर के पास लोहे से औजार तैयार किये जाने का 800 साल पुराना कारखाना मिला है.पुरातत्व विषय के अभ्यासक इस कारखाने को 11 वी से 12 वी सदी के बीच के होने का अंदेशा व्यक्त कर रहे है.इस समय में चंद्रपुर और आसपास के इलाके में राजा जगदेव परमार का शासन था.इस कारखाने के पास प्राचीन शिव मंदिर भी है.इस जगह को 15 वर्ष पहले ही खोज लिया गया था तब यहाँ पर लोहे के टुकड़े मिले थे.इसके बाद यहां लगातार लोहे का मिलना जारी रहा.जिसके बाद जिज्ञासा बढ़ी और बीते वर्ष लोकडाउन के दौरान इसी जगह पर की गई खुदाई के दौरान लोहे के टुकड़े के ही साथ मिट्टी के सांचे मिले थी.इस जगह को लेकर किये गए व्यापक अध्ययन में एक किलोमीटर के परिसर में लोहे का कारखाना होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है.इस जगह में पायी गई छेनी और अन्य सामग्रियों को देखकर ऐसा प्रतीक होता है की इनका इस्तेमाल मंदिर बनाने के लिए पत्थर तोड़ने तोड़ने के लिए इस्तेमाल में पायी जाती होंगी।
क्या क्या मिला
इस पुरातन शिव मंदिर के दक्षिण भाग में एक किलोमीटर तक फैले परिसर में लोहे के औजार बनाने की 30 बड़ी खनिज भट्टियाँ मिली है.इस जगह पर अब भी लगातार लौह खनिज वाले पत्थर और अवशेष समय-समय पर पाए जाते है.
आसपास के इलाक़ों के मंदिरों को कारखाने का हो सकता है संबंध
11 वी और 12 वी सदी के दौरान राजा जगदेव परमार ने कई मंदिरो का निर्माण कराया था.उनके बारे में कहाँ जाता है की वह शिवभक्त थे. और उन्होंने चंद्रपुर समेत गडचिरोली के इलाके में मार्कंडा मंदिर,सिद्धेश्वर मंदिर,गढ़चांदुर मंदिर समूह,जुगाद के मंदिर के साथ कई तहत के मंदिरो का निर्माण करवाया था.संभव है इस कारखाने का इस्तेमाल मंदिरो के निर्माण में ही होता होगा।इस कारखाने में प्रमुख तह पत्थर के औजार बनाये जाते थे.

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