दो महिला प्राध्यापकों के बीच छिड़ी जंग,विश्वविद्यालय की साख पर रहा बट्टा

नागपुर- यूँ तो नागपुर विश्वविद्यालय ( राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय ) हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहता है लेकिन इन दिनों विश्वविद्यालय से संलग्न वीएमवी कॉलेज की दो महिला प्राध्यापकों के बीच शुरू विवाद इन दिनों चर्चा में बना हुआ है.यह विवाद अब थाने तक भी पहुँच गया है.खास है की दो महिला प्राध्यापकों के बीच विवाद बीते कुछ वक्त से शुरू है लेकिन न ही कॉलेज और न ही विश्वविद्यालय इस विषय में हस्तक्षेप कर विवाद को निपटारे की किसी तरह की कोशिश में दिखाई दे रहा है.इन दोनों प्राध्यापकों में से एक हिंदी की प्राध्यापिका डॉ सोनू जेसवानी ने पुलिस को शिकायत दर्ज कर सुरक्षा की माँग की है,जेसवानी का विवाद कॉलेज की ही प्राध्यापिका और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर प्रखर रहने वाली डॉ कल्पना पांडे से चल रहा है.
जेसवानी ने पुलिस को की गई अपनी शिकायत में कहाँ है कि उन्हें कल्पना पांडे ने धमकी दी है,जिस वजह से वह भयभीत महसूस कर रही है और डर है की उन्हें मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचाया जा सकता है अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए जिम्मेदार पांडे ही होंगी।
जबकि जेसवानी के आरोपों को डॉ कल्पना पांडे ने ख़ारिज कर दिया है.
दो महिला प्राध्यापकों की वजह तीसरे शिक्षक से जुड़ा हुआ
गौरतलब हो की इन दोनों महिला प्राध्यापकों की वजह नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ मनोज पांडे से जुड़ा हुआ है.डॉ मनोज पांडे पर बीते दिनों दो छात्राओं ने शैक्षणिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था.इस मामले की जाँच शुरू है.इन दोनों छात्राओं की मार्गदर्शक डॉ जेसवानी है,जेसवानी ने हिंदी के विभागाध्यक्ष द्वारा छात्राओं से किये गए व्यवहार की शिकायत विश्वविद्यालय के सीनेट में भी की थी.इस शिकायत को लेकर डॉ कल्पना पांडे ने प्रोफ़ेसर पांडे का बचाव भरा रुख अपनाया था.
जेसवानी का ताजा आरोप पांडे ने शुरू क्लास में उनके साथ की मारपीट
डॉ जेसवानी ने हालही में आरोप लगाया था की 11 अप्रैल के दिन जब वह कॉलेज में अपनी क्लास ले रही थी,तभी अचानक वहाँ डॉ पांडे आ पहुँची उन्होंने प्रोफेसर मनोज पांडे के ख़िलाफ़ की गई शिकायतों को वापस लिए जाने को लेकर दाबाव बनाया।जब उन्होंने मना कर दिया तो छात्र-छात्राओं के सामने न सिर्फ उन्होंने उनके साथ अपमान जनक बर्ताव किया बल्कि मारपीट भी की.
डॉ कल्पना पांडे गणित की शिक्षिका और शिक्षण मंच की अध्यक्षा भी है.उन पर उन्ही की सहकर्मी ने गंभीर आरोप लगाए है.इस पुरे विवाद के पीछे "सच क्या है और झूठ क्या" यह जाँच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इतना तो तय है दो महिला प्राध्यापकों के बीच शुरू विवाद से कॉलेज और विश्वविद्यालय दोनों की साख पर ज़बर्जस्त बट्टा लग रहा है.

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