पत्नी को ससुराल में बिना कारण अकेले रखना ये भी घरेलू हिंसा: हाईकोर्ट

नागपुर: बिना किसी ठोस कारण के शादी की शुरुआत से पत्नी को ससुराल में अकेला रखना और पति खुद दूसरी जगह रहना यह भी घरेलू हिंसा है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे की नागपुर बेंच के जस्टिस विनय जोशी ने एक महत्वपूर्ण फैसला दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में पति को पत्नी और बेटी जीवन यापन करने के लिए 8,000 रुपये प्रतिमाह देने का आदेश भी दिया है।
मामले में पति पुलिसकर्मी है और अमरावती जिले के मोर्शी का रहने वाला है।11 जून 2011 को शादी करने के बाद वह अकेले ही अपने नियुक्ति स्थान वनी चला गया। उसने अपनी पत्नी को अपने माता-पिता के पास रखा। इस दौरान महिला की सास लगातार उसे प्रताड़ित कर रही थी। उसके साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था। वहीं ससुर उस पर बुरी नजर रख रहा था।
इसी बीच पत्नी के आग्रह पर दिसंबर-2011 में पति उसे वनी ले गया। वहां जाने के बाद पत्नी को अपने पति के अनैतिक संबंधों के कुछ सबूत मिले। जब उसने इस बारे में पूछताछ की तो पति ने उसे बुरी तरह पीटा और फिर से ससुराल ले आया और उसे छोड़ गया। उस समय वह और अधिक प्रताड़ना नहीं सह सकी और अपनी पुत्री को लेकर घर छोड़ गई। निर्णय में स्पष्ट किया गया कि इन मामलों से घरेलू हिंसा सिद्ध होती है।

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