परीक्षा को लेकर अनिश्चितता के माहौल से नागपुर विश्वविद्यालय के छात्र परेशान

नागपुर- राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय की ग्रीष्मकालीन( समर) परीक्षा ऑनलाईन होगी या ऑफलाइन इसे लेकर छात्रों में संभ्रम की स्थिति बरक़रार है.राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत के ऑफलाइन लिए जाने के ट्वीट ने छात्रों के बीच संभ्रम की स्थिति को और बढ़ा दिया है.ऐसे में छात्रों की माँग है की विश्वविद्यालय जल्द निर्णय लेकर छात्रों को दुविधा से उबारे हालाँकि छात्रों की माँग है कि परीक्षा के लिए बेहतर विकल्प ऑनलाईन ही है बावजूद इसके अगर ऑफलाईन परीक्षा ली जाती है तो इसका सीधा नुकसान छात्रों को होगा क्यूँकि उन्हें समय पर रिजल्ट ही नहीं मिलेगा।नागपुर में ऑनलाईन परीक्षा लिए जाने की माँग के साथ बीते कई दिनों से अलग-अलग छात्र संगठन आंदोलन कर रहे है मगर नागपुर विश्वविद्यालय ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है.हालाँकि बीते दिनों कुलगुरु सुभाष चौधरी ने ऑफलाइन परीक्षा को लेकर जो आदेश जारी किया था उसे होल्ड पर रख दिया है लेकिन छात्रों का कहना है की विश्वविद्यालय इस आदेश को ही रद्द कर दे.शुक्रवार को पश्चिम नागपुर विधानसभा सीट के कांग्रेस के विधायक विकास ठाकरे के नेतृत्व में छात्रों के एक दल ने फिर एक बार कुलगुरु से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौपा।छात्रों का कहना है की शिक्षा मंत्री और कुलगुरु अलग-अलग बातें कह रहे है जिससे छात्र परेशान है.कुलगुरु जहाँ राज्य सरकार के निर्णय पर परीक्षा किस रूप में होगी इसे लेकर फैसला लेने की बात कह रहे है तो दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री ट्वीट कर विश्वविद्यालयों को परीक्षा के संबंध में निर्णय लिए जाने को लेकर स्वतंत्र होने की बात कह रहे है.अपनी-अपनी बात तो सब कह रहे है लेकिन स्पष्ट निर्णय कोई नहीं ले रहा.
नोट-नागपुर विश्वविद्यालय वर्ष 2022 में ग्रीष्मकालीन परीक्षाएं ऑफ़लाईन लेगा यह ख़बर यूसीएन न्यूज़ कुलगुरु के हवाले से बीते वर्ष नवंबर में दिखाई थी. लेकिन शिक्षा मंत्री के बयान के बाद विश्वविद्यालय ने अपनी तैयारियों का बिना जायजा लिए ऑफ़लाइन परीक्षा लिए जाने का ऐलान कर दिया।जबकि विश्वविद्यालय के मुख्य परीक्षा नियंत्रक यह कह चुके है की अगर ऑफलाईन परीक्षा होती है जो रिजल्ट किसी भी हाल में अक्टूबर से पहले नहीं निकाला जा सकता।छात्रों का यह तर्क है की अगर रिजल्ट में देरी होती है उसकी भविष्य की योजनाओं और तैयारियों पर इसका असर पड़ेगा।
छात्रों के जिस दल ने शुक्रवार को कुलगुरु से मुलाकात की उसका कहना है की कई छात्र इन दिनों विश्वविद्यालय के रवैये के चलते भारी मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे है.अब तक निर्णय न जाने के चलते कई छात्रों के मन में आत्महत्या जैसे ख़्याल आने लगे है.प्रतिनधि दल के छात्रों के मुताबिक कई छात्र इन दिनों कॉम्पीटीटीव्ह एग्जाम,गवर्मेंट सर्विस एग्जाम,विदेश में पढाई के लिए वाली वाली प्रक्रिया के काम में लगे है ऐसे में अगर विश्वविद्यालय आनन-फानन में ऑफलाईन परीक्षा लिए जाने का फैसला थोप देता है तो यह छात्रों के साथ अन्याय होगा।
-नागपुर विश्वविद्यालय के छात्र नील कान्हेरे का कहना है की विश्वविद्यालय छात्रों की दिशाभूल कर रहा है परीक्षा का समय सिर पर है और कुलगुरु निर्णय ही नहीं ले रहे.
-छात्र मुनीश पेरके के मुताबिक राज्य सरकार और विश्वविद्यालय के बीच शुरू नाटक में छात्र पिस रहे है.अगर ऑनलाइन परीक्षा लेने के बाद समय पर रिजल्ट ही न मिले तो यह सीधा नुकसान छात्रों का है
-हर्ष नागदिवे ने बताया की कुलगुरु राज्य सरकार के निर्णय पर निर्णय लेने की बात कह रहे है जबकि शिक्षा मंत्री कह चुके है कि विश्वविद्यालय निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है ऐसे में ऑनलाईन-ऑफलाईन का विवाद ख़त्म कर छात्रों के हित में निर्णय होना चाहिए।

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