पलक झपकते ही मकान को निगल गई जमीन, नागरिको में दहशत
चंद्रपुर: जिले के घुग्गुस से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक घर 70 फीट नीचे गड्ढे में धंस गया। यह हादसा क्षेत्र के अमराई वार्ड में हुई। गरिमात यह रही कि इसमें किसी भी तरह की जान हानि नहीं हुई। यह क्षेत्र के पास कई भूमिगत कोयला खदान है, वहीं इस हादसे के पीछे इन्हीं कोयला खदानों को माना जा रहा है। इस घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लोग पोले के त्योहार में मग्न थे। ऐसे में घुग्घुस के अमराई वार्ड में गजानन मडावी नामक व्यक्ति का घर हिलने लगा। घर में एक छोटा गड्ढा हुआ, जो देखते-देखते बड़ा हो रहा था। यह देखकर घर के सदस्य बाहर भागे। यह देखते हुए अन्य लोग जुटने लगे। इस बीच अचानक संपूर्ण घर जमीन ने समा गया। जिससे परिसर में हड़कंप मच गया। सौभाग्य से घर में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, लेकिन इस घटना में घर के साथ संपूर्ण जीवनावश्यक सामग्री जमीन में चली गई। फोटो व वीडियो सामने आने से लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
खबर मिलते ही विविध नेता, पुलिस टीम मौके पर पहुंची। कुछ समय बाद तहसीलदार व अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। यह गड्ढा इतना गहरा है कि, घर या अन्य सामान कुछ नहीं दिख रहा है। जिससे यह गड्ढा सौ फीट से अधिक होने की बात कही जा रही है। घटना को देखते हुए परिसर की बिजली आपूर्ति बंद की गई थी। सूचना मिलते ही वेकोलि के वरिष्ठ अधिकारियों ने परिसर का नक्शा मांगा है। वेकोलि अधिकारी मौके पर पहुंचे
वर्ष 1995 से बंद खदान के ऊपर बसा है गांव
बताया जाता है कि, कई दशक पहले घुग्घुस परिसर में रॉबर्टसन इनलाइन माइन थी। नकोडा से लेकर घुग्घुस, नायगांव तक अंडरग्राउंड के 1, 2 व 3 खदानें रही हैं। ऐसे में नकोड़ा की 3 नंबर खदान 1995 में बंद हुई। खदान का दायरा मकोड़ा से घुग्घुस होते हुए नायगांव तक फैला था। इस पर गांव बसा है। ऐसे में यह घटना होने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार कुछ वर्ष पहले नकोड़ा में 13 घर जमीन में धंस गए थे। उस समय वेकोलि द्वारा ME उन्हें घर खाली कराने के नोटिस भी दिए गए थे। लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं हुआ, सीधा घर ही जमीन में धंसने से घुग्घुस, नकोड़ा लोगों में भारी दहशत व्याप्त है। बताया जा रहा है कि, उत्पादन बंद होने के बाद वेकोलि को संपूर्ण अंडरग्राउंड खदान को रेत से भरना था, लेकिन इसे नहीं भरने के चलते यह हादसा होने की बात कही जा रही है। इसके लिए वेकोलि के आला अधिकारी जिम्मेदार होने का आरोप लगाया जा रहा है। बता दें कि, वणी वेकोलि क्षेत्र में खदानें होने के चलते कोयला उत्खनन हेतु ब्लास्टिंग की जाती है, इससे घरों में भी दरारें आती हैं।
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