पुलिस पर कंटेनर चढाने का आरोपी निकला गोधरा अग्निकांड का भी अपराधी

नागपुर- नागपुर ग्रामीण पुलिस ने एक बड़ा इन्वेस्टिगेशन किया है.जिसके तहत गिरफ़्तार एक आरोपी 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड का आरोपी है और वह इस जघन्य अपराध के लिए 8 साल साबरमती सेंट्रल जेल में सजा भी कांट चुका है.26 जून 2022 को उमरेड में पुलिस के डीबी दस्ते पर कंटेनर चढ़ा कर पुलिसकर्मियों को जान से ख़त्म किये जाने का प्रयास हुआ था.यह घटना कुछ इस तरह से थी की इसी दिन उमरेड के एमआयडीसी परिसर में रात की गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों को फ्लिपकार्ड के गोडाउन के बहार एक कंटेनर संदेहास्पद स्थिति में दिखाई दिया था जिसके बाद उमरेड थाने के डीबी दल प्रमुख बट्टलाल पांडे ने अपने दल के साथ संदेह को दूर करने के लिए कंटेनर के साथ मौजूद लोगो से पूछताछ करने का प्रयास किया लेकिन इसकी भनक लगते ही कंटेनर के साथ मौजूद चार लोग भाग खड़े हुए.पुलिस के दल ने उनका पीछा किया जिस दौरान आरोपियों ने पुलिस दल पर कंटेनर चढ़ा दिया।गनीमत रही की पुलिसकर्मी वाहन से निकल चुके थे लेकिन पुलिस उपनिरीक्षक पांडे आरोपियों के हमले में गंभीर रूप से जख़्मी हो गए थे.और हमलावर अँधेरे का फायदा उठाकर फरार हो चुके थे.खास था की कंटेनर में नंबर प्लेट जाली थी.
इस घटना के बाद पुलिस को फ्लिपकार्ट के गोडाउन में चोरी होने की शिकायत भी मिली। इस शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अपनी जाँच और तेज की जिसमे पता लगा की जिस कंटेनर को गोडाउन के पास देखा गया था और जिसके सहारे पुलिसकर्मियों को कुचलने का प्रयास हुआ था वह गुजरात गोधरा में रजिस्टर है.इसके बाद पुलिस की तीन टीम बनाई गई एक टीम ने गोधरा जाकर इस कंटेनर के बारे में पता लगाया तो पता चला यह कंटेनर उस्मानगनी मोहम्मद इब्राहिम कॉफीवाला का है.यह वही आरोपी है जो गोधरा अग्नि हत्याकांड में भी शामिल रहा है.इसके बाद पुलिस ने गोधरा से पुलिस पर हमला करने और चोरी करने वाले एक अन्य आरोपी इरफान उर्फ़ जाफरु फारूक बांडी को गिरफ्तार किया।इरफ़ान की गिरफ़्तारी के बाद उस्मानगनी की लीड मिली जो मध्यप्रदेश के बालाघाट में छुपा बैठा था। पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ़्तार कर लिया।इस मामले के दो आरोपी उमर पंपोई अब्दुल सत्तार जादी और लंगड़ा नाम का एक अन्य आरोपी फरार है जिनकी तलाश जारी है.
इस पूरे मामले की जाँच में पता चला की ये आरोपी गैंग बनाकर चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देते थे.इन्होने तिरपाल नाम से एक गैंग भी बना रखी थी इसी गैंग ने बालाघाट में कुछ ज्वेलर्स की दुकान को तोड़कर 70 किलो चांदी भी चुराई थी.

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