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वाह वाह! नागपुर में बस कोरोना का एक मरीज बचा


वेल डन नागपुरकर!

आखिर आपने कर दिखाया!

नागपुर में सिर्फ एक एक्टिव कोरोना मरीज!

पूरी दुनिया में कोरोना ने कहर बरपाने के साथ ही भारत में भी कहर बरपाया है . . मार्च 2020 में नागपुर शहर भी कोरोना की चपेट में आ गया था।  कोरोना ने एक के बाद एक नागपुरवासियों पर हमला करना शुरू कर दिया। शहर के हर हिस्से में संक्रमण फैलने लगा था, लेकिन कोरोना क्या है?  इसका इलाज क्या है?  इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था। शहर के जिस हिस्से में भी मरीज मिल रहा था, उसे प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जा रहा था।  शहर में दहशत का माहौल था।  देश में लॉकडाउन लगा। कई महीने तक सबकुछ बंद रहा। ... जो मरीज थे और उनके संपर्क में आए थे, उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा था। कोरोना का टेस्ट कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।  मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था। अस्पताल भर रहे थे। अस्पतालों में बेड्स की किल्लत  होने लगी थी। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी थी, मेडिकल वॉरियर्स सबसे आगे लड़ रहे थे।  वहीं, पुलिस, मनपा और जिला प्रशासन के कर्मचारीयो के साथ-साथ सफाई कर्मचारी जान जोखिम में डालकर कोरोना से लड़ रहे थे।  कोरोना की पहली लहर आई, दूसरी, फिर तीसरी लहर भी आयी। 

 कई मरीजों की मौत हो गई। म्युकरमाइकोसिस ने भी दशहत पैदा की। ऑक्सीजन की कमी, बेड की कमी जैसी न जाने कितनी ही समस्याएं आई। ...  शहर का शायद ही कोई परिवार हो जिसने कोरोना का सामना नहीं किया । उसी वक्त कोरोना वैक्सीन भी शुरू हुई। टीकाकरण शुरू हुआ।  तीसरी लहर थमने के बाद प्रशासन की कोशिशों ने कोरोना पर काबू पा लिया.  मरीजों की संख्या कम होने लगी।  सक्रिय पीड़ितों की संख्या भी घटने लगी।  और अंत में राज्य में गुड़ी पड़वा के दिन से सभी प्रतिबंध हटा दिए गए।  मार्च 2020 से आज 19 अप्रैल 2022 तक लगभग दो वर्षों की अवधि। इस दौरान नागपुर जिले में 5 लाख 77 हजार 763 नागरिक कोरोना से संक्रमित हुए।  इनमें से 10,338 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई।  वहीं बाकी 5 लाख 67 हजार 424 मरीज कोरोना से ठीक हुए। इस सब हिसाब के बाद मंगलवार को नागपुर में एक ही सक्रिय कोरोना मरीज बचा है। और वह भी घर में होने  साथ खतरे से बाहर है।  पिछले कुछ दिनों में शहर में कोई नया कोरोना मरीज का रिकॉर्ड नहीं हुआ है। यह बड़ी खुशी की बात है। यह उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का भी समय है जिन्होंने इस दौरान अपने प्रियजनों को खो दिया।  अब एकमात्र सक्रिय मरीज के पूरी तरह से ठीक होने की उम्मीद है और जिला पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो जाएगा। प्रशासन की मेहनत और नागपुर की जनता का संयम और जज्बे को दिल से सलाम है।