शिंदे-फडणवीस सरकार ने महाविकास अघाड़ी की गलती सुधारी: चंद्रशेखर बावनकुले

नागपुर: महाविकास अघाड़ी सरकार ने नियमो को ताक पर रख कर जो कानून बनाया था उसको रद्द कर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार ने गलती को सुधारा है। गुरुवार को सिटी के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह बात कही। उन्होंने आगे कहा, बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में नगर निगम समेत अन्य नगर निगमों के सदस्यों की संख्या में संशोधन का फैसला लिया गया। इसके अनुसार नगर निगमों में सदस्यों की संख्या में उनकी जनसंख्या के अनुपात में सुधार किया जाएगा।
इसी के साथ पूर्व पालक मंत्री ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया है कि राज्य सरकार नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में 2011 की जनसंख्या के अनुसार सदस्यों की संख्या निर्धारित करें।
सरकार को सदस्य बढ़ने का कोई अधिकार नहीं
बावनकुले ने कहा, "महाविकास अघाड़ी सरकार ने सदस्यता बढ़ा दी थी। सरकार को सदस्यों की संख्या बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार महानगर पालिकाओं के सदस्यों की संख्या उतनी ही होगी। महाविकास अघाड़ी ने जनसंख्या में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया था। सरकार ने उस फैसले को वापस ले लिया है।"
फिर होगा प्रभाग रचना
बावनकुले ने आगे कहा, "प्रभाग रचना की संरचना बदलनी है या नहीं बदलनी यह सरकार का विशेषाधिकार है। लेकिन सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती और वही गलती महाविकास अघाड़ी सरकार ने की। बावनकुले ने यह भी कहा कि अब इस गलती को सुधारने के बाद चार सदस्यों का वार्ड हो सकता है।"
विदर्भ विकास बोर्ड फिर से करें बहाल
महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार पर विदर्भ के विकास को रोकने का आरोप लगते हुए कहा कि, तत्कालीन सरकार ने विदर्भ के विकास के लिए बने विदर्भ विकास बोर्ड को सिर्फ इसलिए मान्यता नहीं दी क्योंकि, राज्यपाल ने 12 विधायकों की सूची को अपनी मंजूरी नहीं दी।शिसवेना- कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने विदर्भ के विकास की तुलना 12 विधायकों से कर दी। वहीं जब सरकार जाने लगी तो अल्पमत में रहने के बावजूद उसे मान्यता देदी।" उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि, कैबिनेट और नियमों के अनुसार फिर से विकास के लिए बने विदर्भ विकास बोर्ड को मान्यता दी जाए।
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