अदाणी फाउंडेशन और दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च के बीच हुआ समझौता, स्वास्थ्य सेवा में मिलकर करेंगे काम

नागपुर: अदाणी समूह की सीएसआर इकाई अदाणी फाउंडेशन ने महाराष्ट्र स्थित डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च (DMIHER) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी का उद्देश्य DMIHER को वैश्विक स्तर पर हेल्थकेयर एजुकेशन और सर्विस डिलीवरी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) के रूप में स्थापित करना है।
यह सहयोग चेयरमैन गौतम अदाणी के दर्शन- "सेवा ही साधना है" से प्रेरित है और विविधतापूर्ण समूह के इस विश्वास को दर्शाता है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक पहुंच राष्ट्र निर्माण का मूल आधार है। यह सहयोग अदानी समूह की "हेल्थकेयर के मंदिर" अवधारणा के मुताबिक है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं को न केवल उपचार केंद्रों के रूप में, बल्कि सेवा, सम्मान और करुणा के संस्थानों के रूप में फिर से परिभाषित करता है।
डीएमआईएचईआर के साथ गठबंधन का मकसद भारत के स्वास्थ्य शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाना, शैक्षणिक इनोवेशन, डायग्नोस्टिक रिसर्च और सामुदायिक स्वास्थ्य में संस्थान की पहुंच और प्रभाव को मजबूत करना है। अदानी फाउंडेशन और डीएमआईएचईआर के बीच सहयोग स्केलेबल, सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह उद्देश्यपूर्ण सेवा के माध्यम से समुदायों के उत्थान के अदाणी फाउंडेशन के मिशन को भी मूर्त रूप देता है - जहां अवसर, पहुंच और करुणा एक साथ मिलते हैं।
महाराष्ट्र स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च मौजूदा समय में 15 संस्थान और 5 शिक्षण अस्पताल संचालित करता है। इसके तहत स्नातक, स्नातकोत्तर, सुपर-स्पेशियलिटी, डॉक्टरेट और फेलोशिप पाठ्यक्रमों सहित 13 विषयों में 217 शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करता है।
प्रगति औऱ सेवा के लिए साझा दृष्टिकोण
अदाणी फाउंडेशन और डीएमआईएचईआर की यह साझेदारी एक ऐसे भविष्य को बढ़ावा देगी, जहाँ स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा न केवल गुणवत्तापूर्ण हों, बल्कि किफायती और व्यापक रूप से उपलब्ध भी हों। यह सहयोग अदाणी फाउंडेशन के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें सेवा को उद्देश्यपूर्ण माध्यम मानकर समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है, जहाँ अवसर, पहुँच और संवेदना मिलकर बदलाव की नींव रखते हैं।
'विकसित भारत' के लक्ष्य में सार्थक योगदान
इस मौके पर अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने कहा, "डीएमआईएचईआर के साथ यह सहयोग हमारे उस विश्वास को उजागर करता है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक पहुँच हर नागरिक का अधिकार है, कोई विशेषाधिकार नहीं। हमें गर्व है कि हम एक ऐसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना का हिस्सा बने हैं, जो शैक्षणिक नवाचार, क्लिनिकल रिसर्च और सामुदायिक सेवा को एक मंच पर लाएगा। हमारा उद्देश्य एक ऐसा मॉडल बनाना है, जो गरिमा के साथ सेवा करे और वर्ष 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य में सार्थक योगदान दे सके।"
राष्ट्रीय विकास की दिशा में भी एक निर्णायक कदम
डीएमआईएचईआर के संस्थापक दत्ता मेघे ने कहा कि "इस साझेदारी का साकार रूप लेना मेरे लिए अत्यंत गर्व की बात है। पिछले 35 वर्षों में आत्मनिर्भर स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली का हमारा सपना अब एक वास्तविकता बन चुका है। अदाणी फाउंडेशन के साथ यह सहयोग, क्षेत्रीय ही नहीं, राष्ट्रीय विकास की दिशा में भी एक निर्णायक कदम है। 'विकसित भारत 2047' की भावना के अनुरूप, यह भागीदारी समावेशी और सतत प्रगति के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

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