Amravati: भारत विरोधी नीतियों के चलते तुर्की के साथ कपास का सारा व्यापार बंद, भारतीय कपास संघ का निर्णय

अमरावती: भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बढ़ने के साथ ही, तुर्किये (तुर्की) द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किये जाने के बाद जनता के बीच तुर्की के बहिष्कार की मांग बढ़ रही है। यह अभियान 'बॉयकॉट टर्की' नाम से शुरू किया गया है, जिसमें उनसे तुर्की से आने वाले सामान, पर्यटन और अन्य लेन-देन का बहिष्कार करने को कहा जा रहा है। अब कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने भी कपास व्यापार बंद करने का निर्णय लिया है।
तुर्की भारत से कपास और अन्य सामग्री आयात करता है। 2024 में, तुर्की ने कपास सहित भारत से कुल 74.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का सामान आयात किया। इसी अवधि के दौरान भारत से निर्यात 2.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ। विश्व के सभी देश अपने व्यापारिक साझेदारों का चयन करते समय अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं।
हालिया भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और तुर्की की भारत विरोधी नीतियों के मद्देनजर, हमें तुर्की के साथ सभी कपास व्यापार को रोकने पर विचार करना चाहिए और अपने राष्ट्र के हित में और एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक विकल्पों की तलाश करनी चाहिए। सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणात्रा ने एक पत्र में ऐसी अपील की है।
अतुल गणात्रा ने कहा, “भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने भारत विरोधी रुख दिखाया था और भारत के खिलाफ खुले तौर पर पाकिस्तान का पक्ष लिया था। तुर्की ने ड्रोन, अन्य हथियार और उनके संचालक उपलब्ध कराकर भारतीय नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हाल ही में किए गए हमलों में पाकिस्तान को सहायता और प्रोत्साहन दिया है। तुर्की ने कई मौकों पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाया है और हमारे राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध काम किया है।” तुर्की की ये कार्रवाई हमारे देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ है। अतुल गणात्रा ने कहा कि इसीलिए सीएआई ने इस देश के साथ कपास व्यापार बंद करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का तुर्की पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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