Amravati: कपास के दाम कौड़ी के मोल, किसानों की आंखों में पानी; गारंटीशुदा कीमत से मिल रहे कम दाम
अमरावती: इस साल कपास का उत्पादन संतोषजनक है, लेकिन फिर की किसानों की आंखों में आंसू हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें गारंटी मूल्य से कम कीमत मिल रही है। किसानों ने कपास का भंडारण कर लिया है। किसानों को उम्मीद है कि दाम बढ़ेंगे। लेकिन पैसे की जरूरत के कारण कुछ किसानों को ज्यादा कपास बेचना पड़ता है। किसानों का सवाल है कि तीज त्यौहार के वक्त भी जो पैसे की जरुरत है वो कपास का भंडारण कर रखने से कैसे मिलेंगे? अब जो दाम मिल रहे हैं, उसमें में कपास बेचना पड़ेगा।
दिवाली के मौके पर निजी बाजार में कपास की आवक बढ़ गई है. ग्रामीण इलाकों में भी कपास खरीदने के लिए व्यापारी नजर आ रहे हैं. अब जैसे मानो यह नियम बन गया है कि व्यापारी किसानों से मनमाने दाम पर कपास मांगता है और किसान को देने के लिए मजबूर करता है।
केंद्र द्वारा घोषित कपास का गारंटीशुदा मूल्य सात हजार से ऊपर है। हालांकि, निजी बाजार में कपास की कीमतें अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। निजी व्यापारी कपास के लिए 6500 से 6900 रुपये प्रति क्विंटल दे रहे हैं। केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए कपास की गारंटीशुदा कीमत में 2 रुपये की बढ़ोतरी की है। चालू सीजन में मध्यम स्टेपल कपास के लिए 7121 रुपये और लंबे स्टेपल कपास के लिए 7521 रुपये की गारंटीशुदा कीमत की घोषणा की गई, लेकिन व्यापारी उससे कम दाम की पेशकश कर रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। कपास को गारंटी मूल्य से कम कीमत पर बेचना पड़ता है।
उधर, अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार में कॉटन की कीमतें बढ़ी हैं। पिछले सप्ताह वायदा बाजार में कपास की कीमतें 72.34 सेंट प्रति पाउंड पर थीं। अब यह 72.69 सेंट प्रति पाउंड हो गया है। इससे देश के बाजार में भी कपास की कीमतें बढ़ेंगी। कहा गया कि कपास की फसल संतोषजनक होगी और कपास को अच्छी कीमत मिलेगी।
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