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भारत उपलब्ध करा रहा 6 रुपये प्रति किलोवाट घंटे की दर से चौबीसों घंटे बिजली, IECC की रिपोर्ट में दी गई जानकारी


नई दिल्ली: केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारत में सौर ऊर्जा भंडारण अधिकांश राज्यों में औद्योगिक ऊर्जा की तुलना में सस्ता है। जोशी ने कहा कि यह ऐसा कदम है जो भारत के औद्योगिक विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। जोशी ने इस बात की जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (IECC) के एक अध्ययन के आधार पर दी।

इस अध्ययन के अनुसार, भारत में सोलर-प्लस-स्टोरेज सिस्टम अब चौबीसों घंटे 6 रूपये प्रतिन किलो वाट से कम कीमत पर बिजली दे सकते हैं, जो कोयले से सस्ती है और 25 साल तक महंगाई से सुरक्षित है। अध्ययन में बताया गया है कि कैसे घटती स्टोरेज लागत और नीतिगत नवाचारों ने भारत को निश्चित कीमत पर बिजली देने में सक्षम बनाया है, जिससे संभावित रूप से इसके औद्योगिक और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों का स्वरूप बदल सकता है।

यूसी बर्कले में अध्ययन के लेखक और संकाय सदस्य डॉ. निकित अभ्यंकर ने कहा, “भारत में सौर ऊर्जा और भंडारण अब अधिकांश राज्यों में औद्योगिक बिजली शुल्क से सस्ता है और ये कीमतें दशकों तक स्थिर रहेंगी। यह भारत की औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए एक बड़ा बदलाव है।”

भारत में सोलर प्लस स्टोरेज नीलामी की कीमतों में गिरावट से सस्ती, मुद्रास्फीति-रोधी 24/7 स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त करने वाली रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बैटरी स्टोरेज की लागत पिछले 18 महीनों में 50% से अधिक कम हो गई है। परिणामस्वरूप, सौर और स्टोरेज की संयुक्त लागत अब नए कोयला-आधारित संयंत्रों से प्राप्त बिजली की तुलना में कम है।