logo_banner
Breaking
  • ⁕ मानसून में विदर्भ के किसानों को लगा बड़ा झटका; लगातार बारिश से एक लाख हेक्टेयर फसल हुई बर्बाद, किसानों की सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग ⁕
  • ⁕ मानसून के दौरान चिखलदरा में टूटा पर्यटकों का रिकॉर्ड, चार महीने में पहुंचे ढाई लाख पर्यटक, नगर परिषद को हुई 56 लाख की आया ⁕
  • ⁕ मनकापुर फ्लाईओवर पर बड़ा हादसा, स्कुल वैन और बस में आमने-सामने जोरदार टक्कर; हादसे में आठ बच्चे घायल, एक की हालत गभीर ⁕
  • ⁕ Akola: चलती कार में लगी आग, कोई हताहत नहीं ⁕
  • ⁕ Akola: पातुर से अगिखेड़ खानापुर मार्ग की हालत ख़राब, नागरिकों ने किया रास्ता रोको आंदोलन ⁕
  • ⁕ एक हफ्ते बाद नागपुर में बरसे बादल, नागरिकों को मिली उमस से राहत ⁕
  • ⁕ Amravati: गणेशोत्सव मंडलों के बीच विवाद में चाकूबाजी; एक घायल, आरोपी फरार ⁕
  • ⁕ मेलघाट में बारू बांध टूटा; सड़क पर पानी बहने से यातायात बाधित ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Yavatmal

Yavatmal: भारी बारिश ने झरी-जामनी तहसील में मचाई तबाही, कई फसलें बर्बाद


यवतमाल: यवतमाल जिले की झरी-जामनी तहसील में पिछले कुछ दिनों से बारिश कहर बरपा रही है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण किसानों की खड़ी फसलें काफी हद तक बर्बाद हो गई हैं। भारी बारिश ने कपास, सोयाबीन और उड़द जैसी मौसमी फसलों की वृद्धि को रोक दिया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा ने पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

स्थानीय किसानों ने सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करते हुए झरी-जामनी तहसील को तुरंत भारी बारिश से प्रभावित घोषित करने की माँग की है। साथ ही, हर जगह यह माँग उठ रही है कि सरकार नुकसान का मुआयना करके किसानों को तुरंत सहायता, आर्थिक मुआवज़ा और क्षतिपूर्ति प्रदान करे।

इस बीच, किसानों का कहना है कि सिर्फ़ कागजी पंचनामा भर से काम नहीं चलेगा, बल्कि प्रशासन को किसानों के घर जाकर उनकी दयनीय स्थिति का जायज़ा लेना चाहिए। उनका कहना है कि किसानों की जान बचाने के लिए तुरंत मदद की ज़रूरत है। झरी-जामनी का किसान समुदाय आज बेहद मुश्किल हालात से गुज़र रहा है। इसलिए, यह माँग ज़ोर पकड़ रही है कि सरकार ठोस कदम उठाए और किसानों की समस्याओं को न्याय दिलाए।