logo_banner
Breaking
  • ⁕ Akola: कश्मीर में फंसे अकोला के 31 पर्यटक सकुशल वापस लौटे ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती के 118 पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों को बड़ी राहत, केंद्र सरकार के निर्णय में संशोधन से भारत में निवास सुरक्षित ⁕
  • ⁕ Nagpur: हसनबाग में NDPS टीम की कार्रवाई, कुख्यात ड्रग तस्कर शेख नाज़िर MD के साथ गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Gondia: जिले में कुछ स्थानों पर बेमौसम बारिश, नागरिकों को गर्मी से मिली थोड़ी राहत, फलों और सब्जियों को नुकसान होने की आशंका ⁕
  • ⁕ हिंगणा विधानसभा क्षेत्र से शरद पवार गुट की पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष उज्ज्वला बोढ़ारे भाजपा में हुई शामिल, बावनकुले की मौजूदगी में हुआ पार्टी में प्रवेश ⁕
  • ⁕ विधायक संजय गायकवाड़ का एक बार फिर विवादित बयान, कहा - दुनिया में सबसे कार्य अक्षम महाराष्ट्र पुलिस विभाग ⁕
  • ⁕ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की तहसील के वडाली गांव में पानी की गंभीर कमी, ग्रामीणों का 80 फुट गहरे कुएं में जल समाधी आंदोलन ⁕
  • ⁕  गर्मी की छुट्टियों में बढ़ती अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए मुंबई से नागपुर के लिए वन-वे स्पेशल ट्रेन ⁕
  • ⁕ Buldhana : भीषण गर्मी बनी जानलेवा; चिखली डिपो में एसटी चालक की हिट स्ट्रोक से मौत ⁕
  • ⁕ Akola: काटेपुर्णा बांध में करीब 26 प्रतिशत जल संग्रहण, आने वाले दिनों में जल भंडारण में कमी होने संभावना ⁕
Akola

Akola: अगस्त-सितंबर में भारी बारिश से 57 हजार 758 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित


अकोला: जिले में अगस्त और सितंबर माह में हुई भारी बारिश से हुए नुकसान की अंतिम रिपोर्ट जिला प्रशासन ने विभागीय आयुक्त को सौंपी है। इसके अनुसार, 57 हजार 758.5 ​​​​हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों को नुकसान हुआ है। कुल 79 करोड़ 44 लाख 35 हजार 908 रुपये की सहायता निधि का प्रस्ताव भेजा गया है।

राजस्व मंत्री और पालक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अकोला जिले में भारी बारिश से हुए नुकसान की तुरंत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी अजीत कुंभार ने राजस्व, कृषि अधिकारियों को समय पर और प्रत्येक नुकसान की सावधानीपूर्वक नोट के साथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। समय-समय पर निरीक्षण भी किया।

इसके अनुसार राजस्व, कृषि, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा पंचनामा किया गया। इसकी अंतिम रिपोर्ट कलेक्टर कुंभार, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी वैष्णवी, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी शंकर किरवे के संयुक्त हस्ताक्षर से भेजी गई है।

पिछले पांच साल की तस्वीर यह है कि प्राकृतिक आपदाएं किसानों का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। कभी सूखा तो कभी भारी बारिश के कारण किसानों का खरीफ सीजन खतरे में पड़ गया। जब उपज वितरित की गई, तो बारिश ने कहर बरपाया और किसानों के मुंह से निवाला छीन लिया।

पिछले पांच वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण न केवल खरीफ बल्कि रबी सीजन पर भी किसानों के हाथ कुछ नहीं लगा। इस साल लौटती बारिश का कहर जारी है और तस्वीर ये है कि एक भी उत्पाद किसानों को राहत नहीं दे सका।