Amravati: किसानों की सोयाबीन 4,300 रुपये, जबकि कंपनी के बीज 11,000 रुपये; किसान परेशान
अमरावती: इस समय बुवाई का सीजन है। इसके चलते किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। उन्हें खरीफ सीजन की नकदी फसल सोयाबीन बेचकर नए सीजन का खर्च चलाना है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसानों द्वारा बड़ी मात्रा में उगाई गई सोयाबीन का दाम मात्र 4,300 रुपये मिल रहा है, जबकि उसी किस्म के बीज के लिए 10,000 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।
मूल रूप से इस क्षेत्र के किसानों का आर्थिक गणित सोयाबीन पर आधारित है। लेकिन जब सोयाबीन की उपज निकलती है, तो किसानों को उसका दाम नहीं मिलता, यह एक आम समस्या है। इस समय सोयाबीन का बाजार भाव 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि 30 किलोग्राम सोयाबीन बीज के लिए उन्हें 3,300 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं, यानी 11,000 रुपये प्रति क्विंटल (30 किलो के बैग के लिए 3,300 रुपये)।
एक तरफ कृषि उपज के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीज, खाद और कीटनाशकों के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। भारी बारिश के कारण 2024-25 के खरीफ और रबी दोनों सीजन बर्बाद हो गए। इस साल यानी 2025-26 में मौसम विभाग ने अच्छी बारिश की संभावना जताई है। इसलिए किसान नई उम्मीद के साथ खरीफ सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
किसानों के साथ-साथ कृषि सेवा केंद्र और खाद-बीज की आपूर्ति करने वाले दुकानदार भी तैयार हैं। बाजार में नए-नए बीज बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इस साल सोयाबीन के भावों को देखें तो बीज के भावों में कुछ कमी आई है, लेकिन कंपनी के उत्पाद किसानों के उत्पाद से तीन गुना महंगे हैं। वर्तमान में सोयाबीन का भाव 4,300 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि कंपनी के बीज का भाव 11,000 रुपए प्रति क्विंटल है। सोयाबीन बीज के विभिन्न प्रकार के बैगों का भाव 2,400 रुपए से लेकर 3,300 रुपए तक है। बाजार में सोयाबीन के बीज 30 किलो के बैग में उपलब्ध हैं।
मूल रूप से इस क्षेत्र के किसानों का आर्थिक गणित सोयाबीन पर आधारित है। लेकिन जब सोयाबीन की उपज निकलती है तो किसानों को उसका भाव नहीं मिलता, यह एक नियमित समस्या है। इस समय सोयाबीन का बाजार भाव 4300 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि 30 किलो सोयाबीन बीज 3,300 रुपए यानी 11,000 रुपए प्रति क्विंटल (3300 रुपए प्रति 30 किलो बैग) बिक रहा है।
एक तरफ कृषि उपज का दाम नहीं मिल रहा है, वहीं दूसरी तरफ बीज, खाद और कीटनाशकों के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों का आर्थिक गणित बिगड़ गया है। भारी बारिश के कारण 2024-25 के खरीफ और रबी दोनों सीजन बर्बाद हो गए। इस साल यानी 2025-26 में मौसम विभाग ने अच्छी बारिश की संभावना जताई है। इसलिए किसान नई उम्मीद के साथ खरीफ सीजन की तैयारी में जुट गए हैं।
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