आम से ख़ास में बदली अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस; अब यात्रियों को देना पड़ेगा तीन गुना ज्यादा किराया
अमरावती: आम आदमी की ट्रेन के नाम से जानी जाने वाली अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस संख्या 12112 के डिब्बों की डिजाइन बदलने का फैसला मध्य रेलवे ने किया है। नए डिजाइन में स्लीपर कोचों की संख्या घटाई गई है और वातानुकूलित (एसी) कोचों की संख्या बढ़ाई गई है। इन बदलावों के 15 जून से लागू होंगे। नए डिजाइन के तहत अब यात्रियों को स्लीपर की टिकट उपलब्ध नहीं होगी, उन्हें एसी का टिकट लेना पड़ेगा। जिसके बाद यह आम से खास की ट्रेन होने की चर्चा शुरू हो गई है। वहीं इसको लेकर यात्रियों में रोष का माहौल है।
केवल दो स्लीपर कोच होंगे
अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस का 22 अप्रैल तक का रिजर्वेशन पूरा हो गया है। कई यात्रियों के टिकट वेटिंग लिस्ट में हैं। शुरू से ही इस एक्सप्रेस में नौ शयनयान डिब्बे, चार वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, दो वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी और एक प्रथम श्रेणी है। नए डिजाइन में 15 जून से इस एक्सप्रेस में सात स्लीपर कोच कम करने का निर्णय लिया गया है और अब इस एक्सप्रेस में स्लीपर के दो ही कोच होंगे। इसके बजाय वातानुकूलित कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
वर्तमान में इतना लगता है किराया
अमरावती-मुंबई एक्सप्रेस स्लीपर का किराया 405 रुपये है, जबकि वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का किराया 1490 रुपये और तृतीय श्रेणी का किराया 1060 रुपये है। अब स्लीपर कोच की संख्या कम होने से यात्रियों को तीन गुना भार उठाना पड़ेगा। इसका प्रभाव पहले से ही महसूस किया जा रहा है और 15 जून की आरक्षण स्थिति के अनुसार, केवल 21 स्लीपर सीटें (बर्थ) उपलब्ध हैं और 314 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी की सीटें शेष हैं। आम यात्रियों को अब वातानुकूलित डिब्बों में जरूरत नहीं होने के बावजूद सफर करना पड़ेगा।
नई वातानुकूलित एक्सप्रेस करें शुरू
एक स्लीपर कोच में कुल 80 सीटें होती हैं जबकि वर्तमान में कुल 720 सीटें उपलब्ध हैं, नए डिजाइन में स्लीपर टिकट केवल 160 यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा। इलाज के लिए मुंबई जाने वाले मरीजों, वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी होगी। महानगर यात्री संघ ने सेंट्रल रेलवे के इस फैसले का विरोध किया है और मांग की है कि डिजाइन में बिना किसी बदलाव के एक नई पूरी तरह से वातानुकूलित एक्सप्रेस शुरू की जाए।
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