logo_banner
Breaking
  • ⁕ Breaking News: बैरामजी टाउन स्थित इनसाइट ट्यूशन क्लास की बिल्डिंग में लगी भीषण आग, अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची ⁕
  • ⁕ Gondia: दिवाली के बाद काम शुरू होने से पहले ही ताश के पत्तों की तरह ढही बाबूलाल अग्रवाल की जर्जर बिल्डिंग ⁕
  • ⁕ सोने और चांदी की कीमतों में हुई रिकॉर्ड गिरावट; पिछले 24 घंटे में सोना 7,400 प्रति 10 ग्राम, तो चांदी में 10,500 रुपये प्रति किलों की हुई कटौती ⁕
  • ⁕ नागपुर में दिवाली की रात भीषण अग्निकांड: पटाखों से लक्ष्मी नगर का रिलायंस मॉल जलकर खाक, 17 जगहों पर आग, करोड़ों का नुकसान ⁕
  • ⁕ प्रदूषण की चपेट में नागपुर! दिवाली की रात 'खराब' हुई हवा की गुणवत्ता, AQI 204 हुआ दर्ज ⁕
  • ⁕ हिवरी नगर में युवक ने इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान के आगे मंडप में आग लगाने का किया प्रयास; लोगों ने पकड़ा, सीसीटीवी में कैद पूरी वारदात ⁕
  • ⁕ नागपुर होगा 'कचरा मुक्त', मनपा 50 'ब्लैक स्पॉट' को बनाएगा सुंदर! ⁕
  • ⁕ विदर्भ सहित राज्य के 247 नगर परिषदों और 147 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद का आरक्षण घोषित, देखें किस सीट पर किस वर्ग का होगा अध्यक्ष ⁕
  • ⁕ अमरावती में युवा कांग्रेस का ‘आई लव आंबेडकर’ अभियान, भूषण गवई पर हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ⁕
  • ⁕ Gondia: कुंभारटोली निवासियों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर नगर परिषद पर बोला हमला, ‘एक नारी सबसे भारी’ के नारों से गूंज उठा आमगांव शहर ⁕
Amravati

प्रोफेसर बोर्ड और अकादमिक चुनावों में व्यवस्थ, नितिन गडकरी बोले- आत्मपरीक्षण कर करें अपना मूल्यांकन


अमरावती: यदि शोध और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं समाज की जरूरतों के अनुरूप प्रगति और विकास में उपयोगी नहीं हैं, तो लोग पूछते हैं कि आपको छठे वेतन आयोग, सातवें वेतन आयोग की जरूरत क्यों है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यहां आलोचना की कि राज्य के अधिकांश प्रोफेसर अनुसंधान और शिक्षण के बजाय विश्वविद्यालय अध्ययन बोर्ड और अकादमिक परिषद चुनावों में अधिक व्यस्त हैं।

वह यहां सरकारी विदर्भ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह में बोल रहे थे। राज्यसभा सदस्य डाॅ. अनिल बोंडे, विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे, पूर्व विधायक प्रो। बीटी देशमुख, संस्थान के निदेशक डाॅ. अंजलि देशमुख, जिला मजिस्ट्रेट सौरभ कटियार और अन्य उपस्थित थे।

गडकरी ने कहा, "हम शिक्षकों के वेतन के खिलाफ नहीं हैं, क्योंकि हम इसे कम नहीं कर सकते। वित्तीय लेखापरीक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रदर्शन मूल्यांकन वित्तीय लेखापरीक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है। प्रोफेसरों को आत्मपरीक्षण कर अपना मूल्यांकन करना चाहिए। यदि भविष्य की आवश्यकता को पहचानते हुए दुनिया की सर्वोत्तम तकनीक का उपयोग करके स्थानीय स्तर पर सतत विकास हो रहा हो तो शिक्षा उपयोगी है। अगर ऐसा नहीं होता तो लोग पूछते हैं कि हम इतनी सैलरी क्यों खर्च करते हैं? भारत में विद्वत्ता है, शोध भी हो रहा है, लेकिन उसका उपयोग समाज के लिए होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “अमेरिका, ब्राजील में सोयाबीन की उत्पादकता हमसे चार-पांच गुना है। यही हाल संतरे का भी है। असली सवाल यह है कि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास क्यों नहीं किये जा रहे हैं। इस क्षेत्र के शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों को इस बारे में सोचना चाहिए। शिक्षा का सार्वभौमिकरण होना चाहिए, लेकिन गुणवत्ता में हमें पीछे नहीं रहना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक समस्याएँ हैं। जब तक ग्रामीण क्षेत्र का सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीडीपी) 20 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाएगा, जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे, तब तक देश आत्मनिर्भर नहीं होगा।”

गडकरी ने विदर्भ इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्वायत्तता का जिक्र करते हुए कहा कि, “स्वायत्तता अच्छी बात है। लेकिन यह अनुभव है कि सरकारी अधिकारी स्वायत्तता की इजाजत नहीं देते। यहां तक ​​कि जब शक्तियां देने के लिए सरकारी निर्णय लिए जाते हैं, तो उनका उपयोग कैसे न किया जाए, इसके भी आदेश होते हैं। जब अधिकारी कनिष्ठ स्तर पर काम कर रहे होते हैं, तो वे काम का विकेंद्रीकरण करना चाहते हैं। लेकिन जब वह बड़े अधिकारी बन गए तो सवाल करते रहे कि वह मुझसे पूछे बिना कैसे फैसले लेते हैं। वास्तविक अर्थों में स्वायत्तता अर्जित की जानी चाहिए।”