Buldhana: लोनार झील में मछलियाँ मिलने से मची हड़कंप, खारे पानी की विशिष्टता पर संकट
बुलढाणा: विश्व प्रसिद्ध लोनार झील, जो अब तक अपने खारे पानी और अनूठी जैव विविधता के लिए जानी जाती थी, अब एक बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रही है। हाल ही में, झील में मछलियों के दिखाई देने से वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ हैरान हैं। यह पहली बार है कि इस झील में किसी भी प्रकार का जलीय जीवन देखा गया है, जिससे झील के पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
लोनार झील के पानी का पीएच स्तर, जो पहले 10 से 11 के बीच था, अब घटकर 8 से 9 हो गया है। इसके साथ ही, टीडीएस (घुलित ठोस पदार्थ) की मात्रा में भी उल्लेखनीय कमी आई है। इन बदलावों के कारण, झील का पानी धीरे-धीरे मीठा होता जा रहा है, इसलिए अब झील में मछलियाँ उत्पन्न रही हैं।
लोनार झील एक उल्कापिंड के टकराने से बनी है और सदियों से इसे खारे पानी की झील के रूप में जाना जाता है। अब इसमें मछलियों की मौजूदगी इस बात का संकेत दे रही है कि झील के पानी में घुले हुए नमक की कुल मात्रा कम हो रहा है और यह परिवर्तन प्राकृतिक संतुलन के लिए ख़तरा पैदा कर सकता है।
बुलढाणा की ज़िला कलेक्टर डॉ. किरण पाटिल ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा ,"लोनार झील में हो रहे रासायनिक परिवर्तनों का वैज्ञानिक स्तर पर गहन अध्ययन किया जाएगा। यह पारिस्थितिक रूप से गंभीर मामला है और इसके मूल कारणों की जाँच ज़रूरी है।" इस वर्ष झील का जलस्तर भी पहले से ज़्यादा बढ़ गया है, जिससे झील के रासायनिक गुणों में बदलाव की संभावना बढ़ गई है। वैज्ञानिक अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि यह बदलाव जलवायु, वर्षा या मानवीय हस्तक्षेप के कारण है।
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