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Chandrapur

जो लाएगा कार्यकर्ता वहीं बनेगा पदाधिकारी, पटोले के आदेश से 'वन मॅन आर्मी' वाले नेताओं में हड़कंप


News: पवन झबाडे, प्रतिनीधी; Edited By: Ravi Shukla

चंद्रपुर: राहुल ग़ांधी की सदस्य्ता रद्द करने के को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोला हुआ है। अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस नेता और कार्यरत आंदोलन कर रहे हैं। इसी क्रम में जिले में भी आंदोलन किया था, लेकिन इन आंदोलनों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थित बेहद कम रही। इसी को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत अब राज्य में संगठन के अंदर उन्हें ही पद दिया जायेगा जिसके पास कार्यकर्ता होंगे। पार्टी के इस निर्णय से 'वन मॅन आर्मी' वाले नेताओं में हड़कंप मच गया है। उनके सामने यह चिंता सताने लगी है कि, अब कार्यकर्ता कहां से लाएंगे। 

प्रदेश और देश की समस्याओं को लेकर कांग्रेस ने कई आंदोलन किए और यात्रा निकाली। लेकिन अब तक का अनुभव रहा है कि अधिकारी इस मार्च में नहीं आते। अब राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी अधिकांश पदाधिकारियों ने सत्याग्रह में हिस्सा नहीं लिया। इसलिए अनेक स्थानों पर केवल सत्याग्रह कर्तव्यों का पालन किया गया। चंद्रपुर जिले और शहर में कोई अलग तस्वीर नहीं थी। आलम यह है कि कई वर्षों से पार्टी पद पर बैठे और नेताओं को घेर रहे पदाधिकारियों को लगता है कि अब आंदोलन में शामिल होना कम जरूरी है।

आंदोलन में जो पदाधिकारी भाग लेते हैं, लेकिन पीछे कोई कार्यकर्ता नहीं होते। अकेले आते हैं और अकेले ही जाते हैं। उनकी मौजूदगी का मतलब सिर्फ मीडिया में चमकना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शन में उनकी उपस्थिति को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में 26 मार्च 2023 को पटोले ने जूम मीटिंग के माध्यम से प्रदेशभर के पदाधिकारियों से संवाद किया।  उस समय उन्होंने आंदोलन में उपस्थिति को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी।

असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए। जिलाध्यक्ष पटोले ने कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को आदेश दिया कि पार्टी के कार्यक्रम से अक्सर अनुपस्थित रहने वाले पदाधिकारियों की सूचना तत्काल क्षेत्रीय कार्यालय को भिजवाई जाए।

पार्टी के आगामी कार्यक्रमों, आंदोलन या मार्च में पदाधिकारियों को कम से कम 40 कार्यकर्ताओं, जिला पदाधिकारियों को 20 और प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को 10 कार्यकर्ताओं को लाना अनिवार्य किया गया है। इसी के साथ उन्होंने कार्यकर्ताओं के लाने का खर्च उन पदाधिकारियों को उठाना पड़ेगा। जो पदाधिकारी द्वारा बताए गए उद्देश्य के अनुरूप कार्यकर्ताओं को अपने साथ नहीं लाएगा। ऐसे पदाधिकारियों की सूचना तत्काल क्षेत्रीय कार्यालय को भिजवाई जाए। पटोले ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। 

पटोले के इस आदेश से कई अधिकारी सकते में हैं। सालों से सफेद कपड़े पहने और नेता बनकर चमक रहे कांग्रेस के कई पदाधिकारी अकेले हैं। वे एक बड़े नेता का प्रतिरूपण करके स्थिति प्राप्त करते हैं और एक नेता के रूप में कार्य करते हैं। ऐसी 'वन मैन आर्मी' की अब असली परीक्षा होगी।