Chandrapur: जिले के 20 हजार कर्मचारी सडको पर, कार्यालय हुए खाली; मरीजों को परेशानी

चंद्रपुर: ‘एक ही मिशन, पुरानी पेंशन’ ऐसा नारा लगाते हुए जिले के 20 हजार तृतीय और चतुर्थ कर्मचारी मंगलवार को सडको पर उतर गए। इस दौरान सभी ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से पुरानी पेंशन को दोबारा लागू करने की मांग की। इस आंदोलन में जिला परिषद, नगर परिषद, जिलाधिकारी कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग सहित मनपा के अधिकारी शामिल हुए। कर्मचारियों की इस हड़ताल से एक तरफ जहां पूरा सरकारी कामकाज ठप हो गया वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
ज्ञात हो कि, 2005 में तत्कालीन कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को रद्द कर उसकी जगह एनपीएस को लागू कर दिया था। पिछले के कुछ वर्षो में धीरे-धीरे अधिकारी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग करते थे। लेकिन पिछले के साल से राज्य के तमाम कर्मचारी इसे लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर मंगलवार से राज्य भर के 19 लाख कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक रही बेनतीजा
पेंशन सहित विविध मांगो को लेकर सोमवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ कर्मचारियों के संगठनों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में सीएम और डीसीएम ने मांग पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए समिति गठन करने का निर्णय लिया और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करने की बात कही। जिसे कर्मचारियों ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद आज मंगलवार से कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं।
सरकारी कार्यालय खाली
हड़ताल में चंद्रपुर जिले के राजस्व, निर्माण, कोषागार, सिंचाई, वन विभाग, उप पंजीयक, जिला परिषद, पंचायत समिति, शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी समेत 20 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल हुए हैं। इसलिए सरकारी कार्यालयों में कमी है। कार्यालय प्रमुख या एक-दो कर्मचारियों को छोड़कर पूरा स्टाफ हड़ताल में शामिल हुआ।
सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' नीति की लागू
सरकार ने हड़ताल को रोकने के लिए हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। साथ ही सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' की नीति लागू की है। इसलिए सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या कोई हल निकलेगा और हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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