Chandrapur: हाईवे की सड़क हुई गायब, पड़े बड़े-बड़े गड्ढे; कुंभकर्णी की नींद में राजमार्ग प्राधिकरण विभाग
राजुरा: शहर से गुजरने वाले दोनों हाईवे की हालात बेहद ख़राब है। हाईवे की डामर पूरी तरह उखड गई है। किसके कारण जानलेवा गड्ढे हो गए हैं और ये गड्ढे दिन-ब-दिन गहरे होते जा रहे हैं। सड़क की हालात पिछले कई महीने से ख़राब है। सड़क की हालात ख़राब होने के बावजूद लोग अपनी जान हथेली में रखकर सड़क से यात्रा कर रहे हैं। लेकिन गड्ढों को गिरे तीन महीने हो चुके हैं लेकिन राजमार्ग प्राधिकरण विभाग गहरी नींद में हैं। वहीं जनप्रतिनिधियों ने भी इस पर चुप्पी साधी रखी हुई है। जिसको लेकर अब उनपर सवाल उठने लगे हैं।
राजुरा से तेलंगाना राज्य तक दो राजमार्ग हैं। इन दोनों हाईवे पर भारी ट्रैफिक रहता है। लेकिन फिलहाल ये दोनों हाईवे काफी देर से इंतजार कर रहे हैं। फ्लाईओवर से लेकर सस्ती मोड़ तक हाईवे पर कई छोटे-छोटे गड्ढे हैं। इनमें से कुछ गड्ढे बेहद खतरनाक होने वाले हैं। दिन-ब-दिन गड्ढे बड़े होते जा रहे हैं, जिससे वाहन चालकों को सड़क साफ करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सड़क में उखड़े गिट्टी के सड़ने से किसी भी क्षण जनहानि हो सकती है।
नागरिकों में बेहद गुस्सा
पिछले तीन माह से वाहन चालकों का जानलेवा सफर जारी है। लेकिन जैसा कि संबंधित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विभाग केवल एक दर्शक की भूमिका में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है, जनता में गुस्से की लहर है। यात्रियों की जान को खतरा होने पर भी विभाग को गड्ढों की मरम्मत के लिए 'मुहूर्त' नहीं मिला। इनके ढुलमुल प्रबंधन से किसी भी क्षण बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
गौरतलब है कि नेता के घर के सामने की सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। हालांकि, उनकी चुप्पी यह भी संदेश दे रही है कि कोई भी नेता इन चट्टानों पर अपशब्द नहीं बोल रहा है। गड्ढे वाला हाईवे मौत का रास्ता बनता जा रहा है। लेकिन हकीकत सामने आई है कि विभाग लोगों की जान से खेल रहा है। विभाग की इस गैर जिम्मेदारी से अधिकारियों का असंवेदनशील चेहरा सामने आया है।
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