logo_banner
Breaking
  • ⁕ SC ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को लगाई फटकार, स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरा कराने के निर्देश ⁕
  • ⁕ नागपुर में जल्द शुरू होगी ई-बाइक टैक्सी सेवा, सिर्फ 15 रूपये में 1.5 किमी का सफर, सस्ता और आसान ⁕
  • ⁕ Amravati: शिंदे की शिवसेना में अंदरूनी कलह? बैनर से प्रीति बंड की तस्वीर गायब, राजनीतिक गलियारों में बना चर्चा का विषय ⁕
  • ⁕ Bhandara: एक ही दिन में दो कामों पर एक मज़दूर! हिवरा में पांदन सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ी-घोटाला ⁕
  • ⁕ Akola: अकोला शहर में भारी बारिश से सड़कें और नालियां जलमग्न, फसलों को नुकसान होने की संभावना ⁕
  • ⁕ Akola: सरकारी अस्पताल परिसर में एक व्यक्ति की पत्थर कुचलकर हत्या, हत्यारा भी हुआ घायल ⁕
  • ⁕ अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जाएगा महाराष्ट्र का AI मॉडल MARVEL, नीति आयोग ने द्वारा आठ उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाओं में चयन ⁕
  • ⁕ “राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कैंसर अस्पताल का निर्माण जल्द करें पूरा”, मुख्यमंत्री फडणवीस ने अधिकारियों को दिए निर्देश ⁕
  • ⁕ अकोला में चोर ने निर्गुण नदी के पुल से चुराए लिए 105 फाटक, आरोपी की हो रही तलाश ⁕
  • ⁕ पूर्व विदर्भ में अगले 24 घंटे में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट; प्रशासन ने की नागरिकों से सतर्क रहने की अपील ⁕
Chandrapur

Chandrapur: गड्ढों को बचाने के चक्कर में कार नाले में गिरी


चंद्रपुर: राजुरा शहर से गुजरने वाले दोनों हाईवेकी हालात बेहद गंभीर हो चुकी है। सड़कों में केवल गड्ढे ही गड्ढे हैं। वहीं इस सड़को को चलते समय वाहन चालकों को तार पर एक्सरसाइज करनी पड़ती है। इस बीच सोमवार को हाईवे पर कर्व को चकमा देते समय कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे नाले में गिर गई। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।

मिली जानकारी के अनुसार, 16 अक्टूबर की रात 10 बजे एमएच 34/के 7387 एक पार्किंग को चकमा देते हुए नाले में गिर गया। कार गढ़चंदूर की ओर जाने वाले हाईवे पर जा रही थी। कार सड़क से करीब 20 से 25 फीट नीचे खाई में जा गिरी। इस घटना में कार चालक सौभाग्य से बच गया लेकिन बड़ा हादसा होने से टल गया। दिलचस्प बात यह है कि नाले के बगल में बिजली का पोल है। और सड़क के किनारे बैठने के लिए बेंच है। घटना के वक्त वहां कोई नहीं था।

हालांकि सड़क पर बने गड्ढों की वजह से हादसे हो रहे हैं। गड्ढों को गिरे तीन महीने हो चुके हैं लेकिन संबंधित विभाग को गड्ढों को ठीक करने का समय नहीं मिला है और अधिकारियों की गैर जिम्मेदारी सामने आ गई है।