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Chandrapur

Chandrapur: नए पालकमंत्री के सामने दो बनाम तीन की चुनौती, उईके से नजदीकी नजदीकी बढाने की होड़ शुरू


-(पवन झबाडे)

चंद्रपुर: राज्य के आदिवासी विकास मंत्री  अशोक उईके को चंद्रपुर जिले का पालकमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद जिले में भाजपा नेताओं के बीच उनके करीब जाने की होड़ मच गई है। जिले में भाजपा के भीतर गहरी फूट देखी जाती है। जिले में पांच विधायक हैं, लेकिन उनमें से दो और तीन के गुटों में बंटवारा साफ नजर आता है।

चंद्रपुर के पूर्व पालकमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार और नए पालकमंत्री अशोक उईके के बीच संबंध कैसे रहेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। जिले के विधायक किशोर जोरगेवार और मुनगंटीवार के बीच ज्यादा मेलजोल नहीं है। जोरगेवार, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, चिमूर के विधायक बंटी भांगडिया, वरोरा के विधायक करण देवतले और पूर्व विधायक शोभा फडणवीस एक गुट में दिखाई देते हैं। दूसरी ओर, मुनगंटीवार के साथ संगठन का मजबूत समर्थन है और राजुरा के विधायक देवराव भोंगळे उनके पक्ष में हैं।

जब भी भाजपा सत्ता में आई, मुनगंटीवार ही जिले के पालकमंत्री बने। लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया। रालेगांव  विधानसभा क्षेत्र से विधायक अशोक उईके लंबे समय से विधानसभा में मुनगंटीवार के सहयोगी रहे हैं। हालांकि, जिले में भाजपा के अंदरूनी राजनीति को देखते हुए उईके को सभी को साथ लेकर चलने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। खासतौर पर स्थानीय स्वराज संस्थाओं और चंद्रपुर महानगरपालिका के चुनाव में टिकट वितरण को लेकर मुनगंटीवार, अहीर और जोरगेवार के बीच खींचतान होगी। ऐसे में पालकमंत्री के रूप में उईके की भूमिका अहम होगी। उन्हें इन तीनों के बीच सामंजस्य बिठाने की काबिलियत दिखानी होगी।