Chandrapur: बाघ की दहशत से फसल नष्ट होने की संभावना, सुअर के फसल नुकसान से किसानों में चिंता

चंद्रपुर: सावली तालुका एक वनाच्छादित क्षेत्र है और जंगल के पास खेती करने वाले किसान को वर्तमान में बाघों का खतरा है. बाघों के डर से खेतों में आवाजाही बंद कर दी गई है. इसलिए इस साल के मौसम में फसल बर्बादी के कगार पर है और किसान आर्थिक संकट में फंस सकता है.
सावली वन क्षेत्र में बाघों की संख्या काफी बढ़ गई है. वहीं, जंगली सूअरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. तालुका के अधिकांश किसानों के खेत जंगल के पास हैं, इसलिए उन्हें जंगली जानवरों के खतरे में अपनी खेती का काम करना पड़ता है. इस साल सांवली तालुका में बाघों द्वारा मनुष्यों पर हमला करने और उन्हें मारने की घटनाओं में वृद्धि हुई है. इस बीच हिंसक जानवरों के हमले में छह से सात लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा, बीसियों पालतू मवेशियों पर भी बाघों ने हमला कर अपना शिकार बनाया है. जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ गया है. बाघों का दिखना किसानों के लिए आम बात हो गई है. बाघों के डर से कई किसान खेत में जाने से कतरा रहे हैं. नतीजतन, खड़ी फसल बर्बाद होने की संभावना है.
दहशत से कृषि कार्य प्रभावित
फसल पर रोगों की रोकथाम के लिए कीटनाशक का छिड़काव करना मुश्किल हो गया है. खेतों का देख रेख बंद होने से क्षेत्र की खड़ी फसलों में जंगली जानवर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहे है. जिससे फसलों को व्यापक नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से एक ओर बाघ की दहशत तो दूसरी ओर जंगली सुअर का फसल को नुकसान पहुंचाने की वजह से किसान देाहरे संकट में फंसा है. इसकी वजह से किसानों पर आर्थिक संकट की संभावना है.

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