Chandrapur: वनविभाग में सेवा देना ईश्वरीय कार्य: वनमंत्री मुनगंटीवार

- वन अकादमी में 13 राज्य के वन अधिकारियों का प्रशिक्षण
चंद्रपुर. भगवान सृष्टि के रचयिता हैं इस सृष्टि में प्रत्येक तत्व का विशेष महत्व है1 जल,जंगल,जमीन,वन्यजीव आदि की सेवा हमारे हाथों से होती है, यह वन कर्मियों के लिए गर्व की बात है. एक प्रकार से वनविभाग में सेवा देना ईश्वरीय काम होने का प्रतिपादन वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने किए. वन अकादमी में भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. वे कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. मंच पर वन अकादमी के निदेशक एम एस रेड्डी, सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक नितिन काकोडकर आदि मौजूद थे.
कार्यशाला में कन्याकुमारी से कश्मीर और कामरुख से कच्छ तक फैले देश में भारतीय वन सेवा के अधिकारी मौजूद हैं, राज्य के वन मंत्री और पालकमंत्री के रूप में मैं सबसे पहले सभी का स्वागत करता हूं, यह कहते हुए मुनगंटीवार ने कहा, तीन दिनों में यहां विभिन्न विषयों पर विचार, मंथन और चर्चा हुई है. इस कार्यशाला का उपयोग अधिकारी अपने-अपने राज्यों में वन विभाग की सेवा करते समय करें. देश में बाघों की घटती संख्या चिंता का विषय है. 2014 में चंद्रपुर जिले में बाघों की संख्या 190 थी, लेकिन अब यह बढ़कर 312 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 14 देशों में बाघ हैं. लेकिन मुझे गर्व है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ मेरे इलाके में हैं.
मानव-वन्यजीव संघर्ष पर सामूहिक चिंतन की आवश्यकता है. भारत में हर देवी-देवता के पास एक जंगली जानवर है. यानी इस जागरूकता के साथ काम करें कि वन्य जीवन भगवान का एक रूप है. वन विभाग की नौकरी सिर्फ आपके परिवार के भरण-पोषण के लिए नहीं है यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ईश्वर द्वारा बनाई गई सृष्टि की रक्षा करें. वन मंत्री के रूप में, हमने जंगली जानवरों के हमलों में मारे गए परिवारों के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की है. साथ ही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वनजन योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है. वन विभाग द्वारा 72 करोड़ तेंदूपत्ता बोनस दिया गया है. जब जंगली जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, बहुत बुरा लगता है इसका स्थायी उपाय तलाशने का प्रयास जारी है.
मुनगंटीवार ने कहा, देश के प्रधानमंत्री वन और पर्यावरण को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. भारत में 70 साल से विलुप्त हो चुके चीता को हाल ही में प्रधानमंत्री की पहल पर वापस लाया गया है. सरकार ने वन्यजीव कारीडोर बनाने की योजना बनाई है. खासकर वन विभाग को जंगल की रक्षा करने वाले ग्रामीणों के साथ खड़ा होना चाहिए. ग्रामीणों के मन में जंगली जानवरों के भय को कम करने का प्रयास करें. उन्होंने यहां आए अधिकारियों से अपने-अपने राज्यों में अच्छा काम करने की अपील की.
इसके पूर्व भारतीय वन्यजव संरक्षण संस्था और चंद्रपुर वन अकादमी के बीच हुए समझौते ओर मासिक का वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के हाथों विमोचन किया गया. कार्यशाला में गुजरात, कर्नाटक, उडीसा, हिमाचल प्रदेश, सिक्कीम, केरल, राज्यस्थान, उत्तराखंड, बिहार आदि 13 राज्य के अधिकारी उपस्थित थे.

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