'अलर्ट सिस्टम कैमरे' रोकेंगे मानव-वन्यजीव संघर्ष, ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने शुरू किया काम

चंद्रपुर: बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष चिंता का विषय है। इस टकराव से बचने के लिए वन विभाग और ताडोबा प्रशासन द्वारा तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 'अलर्ट सिस्टम कैमरे' लगाने की तैयारी चल रही है। जानकारी के अनुसार, अलर्ट सिस्टम कैमरे 15 मार्च तक काम करने लगेंगे।
सीतारामपेठ गांव परिसर में पायलट आधार पर लगभग 20 कैमरे लगाए जाएंगे और इंटरनेट से जोड़े जाएंगे। जैसे ही गांव परिसर में बाघ और तेंदुआ जैसे जंगली जानवरों की आवाजाही नजर आएगी ताड़ोबा प्रशासन तुरंत ग्रामीणों को सतर्क करेगा. यह संभवत: देश में पहला प्रयोग होगा। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य गांवों में भी 'अलर्ट सिस्टम कैमरे' लगाए जाएंगे।
दिलचस्प बात यह है कि बाघों के घर कहे जाने वाले ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में 85 से ज्यादा बाघ हैं। 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक कोर एरिया में 27, बफर जोन में 34 और दोनों इलाकों में 24 बाघ रहते हैं। बाघों के अलावा 125 से अधिक तेंदुए हैं, भालुओं की संख्या भी उल्लेखनीय है। ऐसे में ताड़ोबा संभाग के जंगल वाले गांवों में अक्सर जंगली जानवरों का अड्डा बना रहता है। कई बार इंसान और जंगली जानवर आमने-सामने आ जाते हैं और अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। ताडोबा प्रशासन ने इस घटना को रोकने के लिए अलर्ट सिस्टम कैमरे लगाने का फैसला किया है। करीब 25 लाख रुपये की लागत वाली इस परियोजना में सीतारामपेठ गांव और उसके आसपास करीब 20 कैमरे लगाये जायेंगे. ये सभी कैमरे इंटरनेट से जुड़े रहेंगे। जंगली जानवर नजर आते ही ताडोबा की पीआरटी टीम व अन्य सिस्टम अलर्ट हो जाएंगे।

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