गोंडवाना को मिलेगा वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय का दर्जा, सुधीर मुनगंटीवार ने किया ऐलान

चंद्रपुर: गोंडवाना विश्वविद्यालय (Gondwana University) को वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय (Forest and Tribals University) का दर्जा दिया जाएगा। इसके लिए जुलाई महीने में विधेयक पेश किया जाएगा। इस बात की जानकारी राज्य के पर्यावरण और सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दी। इस के साथ उन्होंहे यह भी बताया कि, "इसके लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को उद्घटना के लिए बुलाया जाएगा।
मुनगंटीवार ने कहा, “अभी दो दिन पहले गोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रशांत बोकारे से इस संबंध में चर्चा हुई थी। गोंडवाना विश्वविद्यालय को वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। गढ़चिरौली जिले में 200 एकड़ के विशाल क्षेत्र में गोंडवाना विश्वविद्यालय की भव्य संरचना खड़ी होगी।"
उन्होंने कहा, "इस विश्वविद्यालय को वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में इस क्षेत्र के विशाल वनों, स्थानीय आदिवासियों, वन में रहने वाले बाघों, तेंदुओं एवं विभिन्न जंगली जानवरों तथा वन एवं जनजातीय एवं जनजातीय संस्कृति का अध्ययन किया जायेगा।”
पर्यावरण मंत्री ने कहा, “इस विश्वविद्यालय को वन एवं आदिवासी विश्वविद्यालय का दर्जा देने संबंधी विधेयक इसी मार्च माह में पेश किया जाना था। लेकिन किसी कारणवश यह संभव नहीं हो पाया। जुलाई माह में बिल पेश किया जाएगा। वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय विश्वस्तरीय होगा। यहां विभिन्न विषयों की पढ़ाई भी की जा सकती है। सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।”
मुनगंटीवार ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी अपदस्थ किया जाएगा। हम उच्चतम गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। मुनगंटीवार ने यह भी कहा कि गोंडवाना विश्वविद्यालय का यह वन एवं जनजातीय विश्वविद्यालय उस वन अकादमी की तर्ज पर होगा जहां आज कार्यक्रम हो रहा है।
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