ताडोबा में दिखा दुर्लभ सफ़ेद हिरन, 30 हजार में से एक पाया जाता है

चंद्रपुर: पिछले कुछ दिनों से ताडोबा-अंधारी वाघ प्रकल्प में लगातार दुर्लभ जंगली जानवरों के दर्शन हो रहे हैं। पिछले दिनों जंगल में एक काले तेंदुआ दिखाई दिया। एक बार फिर दुर्लभ ‘अल्बिनोस' यानी सफ़ेद हिरन दिखाई दिया है। मुलता यह हिरन ही है, लेकिन शरीर के रंगो में हुए बदलाव के कारण यह पूरी तरह सफ़ेद दिखाई देते हैं। यह बेहद दुर्लभ होते हैं, 30 हजार हिरणों में से केवल एक ही ऐसे मिलते हैं।
एक वन्यजीव विशेषज्ञ के अनुसार, 1000 हिरणों में से एक में 'एल्बिनो' के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐल्बिनिज़म अत्यंत दुर्लभ है। स्वीडन के वेस्ट वर्मलैंड में इस हिरण की संख्या करीब 50 है। पूर्वोत्तर भारत में असम राज्य के काजीरंगा में एक समान दुर्लभ सफेद हिरण देखा गया था। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस हिरण का सफेद रंग विशुद्ध रूप से अनुवांशिक है। ऐसा 'जीन' में बदलाव के कारण होता है। उन्होंने कहा कि इस हिरण परिवार की कोई अलग नस्ल नहीं है।
वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बल्लारपुर जंगल में मिले सफेद हिरण की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। इससे अभी यह साफ नहीं हो सका है कि तस्वीर बल्लारपुर जंगल की है या कहीं और का।
बल्लारपुर के पूर्व नगर उपाध्यक्ष पवन भगत और उनका परिवार 2 दिन पहले कोठारी के पास जंगल में दोस्तों और परिवार के साथ घूम रहे थे, जब उन्होंने अचानक जंगल में एक सफेद हिरण देखा। पवन भगत ने जंगल में दिखे एक सफेद हिरण की तस्वीर भी ली है। ताड़ोबा में काले तेंदुए के बाद अब कोठारी क्षेत्र में 'एलबिनो' देखा गया है, जिसे लेकर वन्यजीव प्रेमी उत्साहित हैं।

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