मराठी और हिंदी के तहत अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों को भी मिले आदर्श शिक्षक पुरस्कार, प्रतिभा धानोरकर ने की मांग

चंद्रपुर: हर साल महाराष्ट्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। हालांकि, इसमें अंग्रेजी स्कूल के शिक्षक शामिल नहीं हैं। जिससे उन शिक्षकों के साथ अन्याय होता है। इसलिए नियमों में संशोधन कर अंग्रेजी शिक्षकों को भी आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। विधानसभा में बजट पर बोलते हुए वरोरा-भद्रावती विधायक प्रतिभा धानोरकर ने यह मांग की।
धानोरकर ने आगे कहा, "राज्य में नगर परिषद और जिला परिषद के स्कूलों की संख्या कम होती जा रही है। संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसलिए जरूरी है कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जाए। सरकार को छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए योजना बनाने की जरूरत है। राज्य कर्मचारी शिक्षकों को अर्जित अवकाश, वेतन और भत्ते दिए जाते हैं। इसी तर्ज पर निजी स्कूलों खासकर अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में शिक्षकों को ये सुविधाएं मुहैया कराया जाना चाहिए।"
आदिवासियों के शुरू हो मैत्री योजना
आदिवासी समाज का मुद्दा उठाते हुए धानोरकर ने कहा, "राज्य में कई आदिवासी स्कूल और अन्य विभाग हैं। इसे आदिवासी कहा जाता है। लेकिन आदिवासी समाज स्वदेशी समाज है। इसलिए इन सभी वर्गों को मूलनिवासी बताया जाए। समाज में महिलाओं और बच्चों के साथ अन्याय और उत्पीड़न की घटनाएं होती रहती हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को माई मैत्री योजना लागू करनी चाहिए।"

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