आखिर कब मिलेगा किसानों को बारदाने का भुगतान

गोंदिया. जिले में खरीफ और रबी मौसम में आदिवासी विकास महामंडल अंतर्गत शासकीय धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से हमी भाव पर धान खरीदी की जाती है. इन केंद्रों पर धान की बिक्री करने वाले किसानों से उनके बारदाने भरकर लाए धान सहित खरीदी की जाती है. इसके बाद किसानों को बारदाने के पैसे वापस लौटाए जाते है. लेकिन इन धान खरीदी केंद्रों पर धान की बिक्री करने वाले किसानों को पिछले 3 वर्षो से बारदाने के पैसे नहीं लौटाए गए हैं. जिससे बारदाने के पैसे आखिर कब मिलेंगे ? इसके लिए किसान पिछले 3 वर्षो से आदिवासी विकास महामंडल और धान खरीदी केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अब भी 25 हजार से अधिक किसानों को नियमानुसार बारदाने की रकम वापस नहीं मिली है. जिससे किसान परेशान हो गया है. इसे लेकर प्रशासन ने भी कोई पहल नहीं की.
जिले में 40 धान खरीदी केंद्र
जिले में आदिवासी विकास महामंडल अंतर्गत 40 शासकीय धान खरीदी केंद्र है. इन केंद्रों के माध्यम से आदिवासी बहुल क्षेत्र में हमी भाव पर धान खरीदी की जाती है. आदिवासी विकास महामंडल के धान खरीदी केंद्रों पर धान की बिक्री करने वाले किसानों को बारदाने की रकम उनके बैंक खातों में जमा की जाती है. जबकि पिछले 3 वर्षो से बारदाने की रकम के लिए इस विभाग को निधि नहीं मिलने से वह आंकडा लगभग 5 करोड़ रु. हो गया है. बारदाने के पैसे वापस मिले इसके लिए किसान पिछले 3 वर्षो से धान खरीदी केंद्रों पर जाकर पैसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहे है.
किसान निराश हो गए
इस संबंध में किसान दिनेश रहांगडाले ने बताया कि शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर धान को हमी भाव मिलने से इन केंद्रों पर धान की बारदाने सहित बिक्री की. लेकिन अब तक बारदाने की रकम वापस नहीं मिली है. पिछले 3 वर्षो से यह समस्या कायम है. इसी तरह किसान विनोद गहाने का कहना है कि किसान कड़ी मेहनत कर एक एक पैसा जोड़ता है. जबकि आदिवासी विकास महामंडल को इसकी अब तक जानकारी नहीं है. जिससे पिछले 3 वर्षो से किसानों के बारदाने के पैसे उन्होंने दबा कर रखे है. इस संदर्भ में आदिवासी विकास महामंडल के अधिकारी से पुछने पर उन्होंने बताया कि इस राशि की मांग की गई है. निधि उपलब्ध होते ही किसानों के बैंक खातों में रकम जमा की जाएगी.

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