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Nagpur

Pollution: उपराजधानी विदर्भ का सबसे प्रदूषित शहर, चंद्रपुर दूसरे क्रमांक पर


नागपुर: राजधानी दिल्ली और एनसीआर का प्रदूषण देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच मंगलवार को केंद्रीय केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने देशभर के प्रदूषित शहरों की सूची जारी की। जिसके अनुसार उपराजधानी नागपुर का हवा बेहद ख़राब स्थिति में पहुंच गई है। बोर्ड द्वारा जारी किये आकड़ो के अनुसार शहर में प्रदुषण का आकड़ा 189 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पहुंच गया है। वहीं चंद्रपुर और अमरावती दूसरे और तीसरे क्रमांक पर हैं, जिनका AQI क्रमशः 149 और 134 है। इसी के साथ नागपुर विदर्भ का सबसे प्रदूषित बन गया है।  

नागपुर को एक ग्रीन सिटी के तौर पर जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से शहर की हवा का स्तर लगातार गिरता हुए देखा जारहा है। ठण्ड के समय में वह और भी गिर जाता है। शहर में लगातार निर्माणकार्य चल रहा है। शहर के हर इलाकों में सड़क, पुल, इमारतों का निर्माण शुरू है जिसके कारण लगातर धूल, मिट्टी उड़ती है। वहीं शहर के बाजू तीन थर्मल पवार प्लांट भी है, जहां से रोजाना बड़ी संख्या में धुआं निकलती है और बाद में हवा के साथ मिल जाती है। 

नागरिकों को हो रही सांस लेने वाली बिमारी

विशेषज्ञों की माने तो धूल के कण हवा और वायुमंडल में घुलने से AQI बिगड़ रहा है। AQI हवा में मौजूद जहरीले कणों को मापने का जरिया है। इसके 100 माइक्रो ग्राम से अधिक होने से इंसान के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है। वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच सकती हैं। इससे खासकर अस्थमा और श्वास रोगों की शुरुआत होने का भय रहता है। धूल के कारण चर्म रोग और आंखों में जलन भी होती है।