Nagpur: शहर में सिग्नल आइलैंड्स का प्रयोग नजर आ रहा विफल, फिर भी महानगर पालिका दे रही बनाने पर जोर

नागपुर: नागपुर में ज़्यादातर चौराहों पर बड़े सिग्नल आइलैंड्स का निर्माण किया गया है। लेकिन इन बड़े सिग्नल आइलैंड्स का प्रयोग कई चौराहों पर विफल नजर आ रहा है, जबकि महानगर पालिका इस पर इसके बनाए जाने पर ज़ोर दे रहा है। नागरिकों के अनुसार, ये बड़े आइलैंड्स कोई आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि यह उस जगह की बर्बादी है जिसका इस्तेमाल आवागमन के लिए किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, ज़्यादातर चौराहों पर प्राधिकरण ने पेवर ब्लॉक बिछा दिए हैं जिससे लोगों को काफ़ी परेशानी हो रही है। अब नगर निगम 10-15 फ़ीट लंबे ऐसे बड़े आइलैंड्स बनाने वाला है। नागरिकों का सवाल है कि नागपुर महानगर पालिका इतने बड़े आइलैंड्स क्यों बना रही है?
अक्सर जब भी यातायात की योजना बनाई जाती है, तो वाहनों के आवागमन को महत्व दिया जाता है। लेकिन पैदल चलने वालों की आवाजाही को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। पैदल चलने वालों की आवाजाही को भी महत्व दिया जाना चाहिए। इससे वास्तव में यातायात सुगम होगा और आवाजाही सुचारू रूप से होगी। लेकिन ऐसा होते नजर नहीं आता।
विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) ने हाल ही में एक अध्ययन किया है जिसके अनुसार इस तरह के अनावश्यक निर्माण से यातायात में बाधा उत्पन्न होती है। मान लीजिए कोई एक चौराहे से दूसरे चौराहे की ओर जा रहा है, डिवाइडर लंबा होने के कारण चालक को वाहन दुरी तक ले जाकर यूटर्न लेना पड़ता है। इससे इन आइलैंड के कारण यातायात धीमा हो जाता है।
जानकारी है कि अब महानगर पालिका सेमिनरी हिल्स चौक पर एक सिग्नल आइलैंड का निर्माण कर रही है। चौक बहुत बड़ा है, लेकिन बड़ा आइलैंड चालक को भ्रमित कर सकता है और दुर्घटना हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बजाय, महानगर पालिका को इसे छोटा रखना चाहिए ताकि वाहनों के लिए अधिक जगह उपलब्ध हो।

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