डॉक्टर को Sextortion में फांसकर मांगी 2.60 करोड़ की फिरौती, पत्रकार सहित सात लोग गिरफ्तार; तीन महिला भी शामिल; 13 नामजद
नागपुर: उपराजधानी में ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली का एक बेहद गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है। शहर के एक प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ पद पर कार्यरत चिकित्सक को हनी-ट्रैप में फंसाकर और बदनाम करने की धमकी देकर लाखों रुपये की उगाही की गई है। नागपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत एक पत्रकार सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि कुल 13 अन्य को नामजद किया गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना की शुरुआत सितंबर 2025 में हुई थी। पीड़ित डॉक्टर गोंदिया जिले के आमगांव क्षेत्र में गए थे, जहां एक महिला से मुलाकात के दौरान कथित तौर पर उनका आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया। इसी वीडियो को हथियार बनाकर आरोपियों ने डॉक्टर को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोपियों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए डॉक्टर को रेप केस जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। बदनामी के डर और मानसिक दबाव के चलते डॉक्टर ने किस्तों में कुल 1 लाख 78 हजार रुपये आरोपियों को दे दिए।
पैसे मिलने के बाद भी आरोपियों का लालच कम नहीं हुआ। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी फोन कॉल और व्हाट्सएप के जरिए लगातार डॉक्टर को डराते रहे। वे कभी 2 करोड़ रुपये तो कभी 60 लाख रुपये की फिरौती मांगते रहे। जांच में सामने आया है कि यह एक संगठित गिरोह है जिसमें कई महिलाएं, कथित सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल हैं। कुछ आरोपियों ने खुद को राजनीतिक संगठनों से जुड़ा बताकर भी डॉक्टर की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने का भय दिखाया।
लगातार हो रही प्रताड़ना से तंग आकर पीड़ित डॉक्टर ने नागपुर पुलिस के आयुक्त रविंद्र सिंगल से संपर्क कर आपबीती सुनाई। सहायक पुलिस आयुक्त के निर्देश पर क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। तय योजना के तहत डॉक्टर ने आरोपियों को 3 लाख रुपये देने के बहाने सेंट्रल एवेन्यू रोड स्थित होटल दर्शन टॉवर में बुलाया। वहां पुलिस की टीम सादी वर्दी में पहले से तैनात थी।
जैसे ही आरोपी होटल पहुंचे और उन्होंने 3 लाख रुपये लेने से इनकार करते हुए 60 लाख रुपये की मांग दोहराई, पुलिस ने तुरंत दबिश दी। मौके से कुणाल प्रकाश पुरी, नितिन सुखदेव कांबळे और अश्विन विनोद धनविजय को हिरासत में लिया गया।
पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों मोना गोपाल चिखलोंडे, आरुशी भालाघरे, शुभांगीनी बापू निंबुळकर, रविकांत कांबळे और पप्पु मनोहर दुरुगकर सहित छह अन्य लोगों के शामिल होने की जानकारी सामने आई। पुलिस ने सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस आरोपियों के मोबाइल फोन, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और डिजिटल लेन-देन की तकनीकी जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने शहर के अन्य प्रतिष्ठित लोगों को शिकार बनाया है या नहीं।
आपको बतादें कि, इसके पहले भी रविकांत काबड़े को ऐसी ही एक मामले पर गडचिरोली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालाँकि, कुछ महीने जेल में रहने के बाद उसे अदालत से जमानत मिल गई थी। लेकिन इसके बावजूद उसने ब्लैकमेल का अपना धंधा बंद करने के बजाय और बड़े स्तर पर शुरू कर दिया।
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