राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने अपना आंदोलन किया खत्म, सरकार ने ओबीसी महासंघ की मानी 14 में से 12 मांगे

नागपुर: मराठा आंदोलन के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने भी अपना आंदोलन ख़त्म कर दिया। ओबीसी मंत्री अतुल सावे की उपस्थिति में ओबीसी महासंघ आंदोलन वापस ले लिया।
नागपुर के संविधान चौक पर बीते 6 दिनों से राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू था। राज्य सरकार ने ओबीसी महासंघ की 14 में से 12 मांगे मान ली है। महासंघ की बची दो मांगो पर मंगलवार को मुख्यमंत्री से चर्चा कर निर्णय लिए जाने की बात कही गई है।
राज्य के ओबीसी कल्याण मंत्री अतुल सावे ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण ‘अछूता रहेगा’। उन्होंने कहा, “सरकार ओबीसी समुदाय के मौजूदा आरक्षण की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” सावे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप-मुख्यमंत्रियों की ओर से आंदोलन स्थल का दौरा किया।
राष्ट्रीय ओबीसी संघ मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहा था। उन्होंने 14 मांगें रखी थीं, जिनमें मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल न करना और सभी मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी न करना शामिल था।
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