विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के खिलाफ दायर याचिका को किया ख़ारिज

नई दिल्ली/मुंबई: नवंबर 2024 में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूरा विपक्षी दल सड़कों पर उतर आया है। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विपक्षी दल को फटकार लगाई है। महाराष्ट्र हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस शिकायत को सुनवाई के लायक नहीं माना है। याचिकाकर्ताओं ने जून में हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया।
याचिका में मांग की गई थी कि विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे के बाद 72 लाख वोट गलत तरीके से डाले गए, इसलिए चुनाव परिणाम रद्द किए जाएँ। हाईकोर्ट ने न केवल इस याचिका को कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन माना, बल्कि चेतावनी भी दी कि ऐसी याचिकाओं पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस याचिका को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने इसके लिए महादेवपुर का उदाहरण भी दिया था। इसके बाद पूरा विपक्षी दल चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगा रहा है। चुनाव आयोग ने भी इसका जवाब दिया है।
याचिका में महाराष्ट्र चुनाव पर उठाए गए थे सवाल
दरअसल, महाराष्ट्र के एक नागरिक चंद्रकांत अहीर ने यह याचिका दायर की थी। जून में अपने फैसले में, अदालत ने चुनाव रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि चुनाव याचिका पहले चुनाव आयोग के समक्ष दायर की जाती है। याचिकाकर्ता ने ऐसा नहीं किया। उच्च न्यायालय ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि एक अखबार में प्रकाशित लेख के आधार पर ऐसी याचिका कैसे दायर की जा सकती है। उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस याचिका पर सुनवाई में अदालत का पूरा दिन बर्बाद हुआ, ऐसे में जुर्माना लगाया जाना चाहिए था, लेकिन हम जुर्माना नहीं लगा रहे हैं, अदालत ने यह भी कहा था।
मतगणना में अनियमितताओं के आरोप
चेतन और प्रकाश ने मतगणना को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया था कि मतगणना में लाखों वोटों का अंतर था, लेकिन चुनाव आयोग ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और आरोपों को निराधार बताया है। प्रकाश अंबेडकर ने यह भी दावा किया था कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने इन अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र की मतदाता सूची में सिर्फ़ 5 महीनों में करोड़ों मतदाताओं के जुड़ने पर सवाल उठाए गए और पूछा गया कि अगर 5 साल में मतदाताओं की संख्या इतनी नहीं बढ़ी, तो 5 महीनों में इतनी कैसे बढ़ गई? चुनाव आयोग ने इन आरोपों को भ्रामक, निराधार और तथ्यहीन बताया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार और झूठा बताया है।

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