logo_banner
Breaking
  • ⁕ कांग्रेस पार्टी मुंबई सहित अन्य जगह अपने बल पर लड़ेगी स्थानीय निकाय चुनाव, भाजपा नेता विजय वडेट्टीवार ने की घोषणा ⁕
  • ⁕ बच्चू कडू के बयान पर भड़के बीजेपी विधायक प्रवीण तायड़े, कार्रवाई करने की मांग ⁕
  • ⁕ विदर्भ में ठंड की दस्तक! गोंदिया में 10.4°C पर लुढ़का पारा, नागपुर भी कांपा! सुबह की हवा में घुली सर्दी की सिहरन ⁕
  • ⁕ Kanhan: कन्हान पुलिस की कोयला चोरों पर बड़ी कार्रवाई, लाखों रुपए का माल जब्त ⁕
  • ⁕ Amravati: दरियापुर-मुर्तिजापुर मार्ग पर भीषण दुर्घटना, तेज गति से आ रही कार की टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत ⁕
  • ⁕ Kamptee: रनाला के शहीद नगर में दो माह के भीतर एक ही घर में दूसरी चोरी, चोर नकदी व चांदी के जेवरात लेकर फरार ⁕
  • ⁕ Yavatmal: भाई ने की शराबी भाई की हत्या, भतीजा भी हुआ गिरफ्तार, पैनगंगा नदी के किनारे मिला था शव ⁕
  • ⁕ जिला कलेक्टरों को जिला व्यापार में सुधार के लिए दिए जाएंगे अतिरिक्त अधिकार ⁕
  • ⁕ Amravati: अमरावती जिले में नौ महीनों में 60 नाबालिग कुंवारी माताओं की डिलीवरी ⁕
  • ⁕ विश्व विजेता बनी भारतीय महिला क्रिकेट टीम, वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराया ⁕
Yavatmal

Yavatmal: टीपेश्वर के द्वार पर स्थित अंधारवाड़ी आदिवासी गांव बना 'हनी विलेज'


यवतमाल: एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना पांढरकवड़ा के परियोजना अधिकारी सुहास गाडे की संकल्पना से टिपेश्वर अभयारण्य के द्वार पर स्थित आदिवासी गांव अंधारवाड़ी में एक अलग पहल शुरू की गई है। इस पूरे गांव को 'शहद का गांव' बनाया गया है। शहद की बिक्री से इस गांव में समृद्धि आएगी।

सरकार द्वारा यह शहद गांव योजना शुरू की गई है। आदिवासी समाज वन प्रेमी समाज है। उन्हें शहद संग्रहण का प्रशिक्षण देकर इस व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। इसी उद्देश्य से पांढरकवडा के परियोजना अधिकारी सुहास गाडे ने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के सहयोग से अंधारवाड़ी को मधु ग्राम बनाने का निर्णय लिया और वह संकल्प अब पूरा हो गया है।

प्रशिक्षण और निःशुल्क सामग्री 

अंधारवाड़ी गांव की जनसंख्या 196 है और गांव में 65 परिवार हैं। जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत एक अभिनव योजना के माध्यम से इस स्थान पर मधु यानि शहद का गांव योजना लागू की गई। प्रारंभ में यहां के नागरिकों को शहद संग्रहण का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद आवश्यक सामग्री निःशुल्क प्रदान की गई। अब 25 परिवार वास्तव में शहद संग्रह में लगे हुए हैं। अगले कुछ दिनों में 35 और परिवारों को प्रशिक्षण और सामग्री दी जाएगी।

कम समय में ज्यादा शहद होगा इकट्ठा

अच्छी गुणवत्ता वाले शहद की कीमत 500 रुपये से 1 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक मिलती है। शुरुआत में ग्रामीणों को शहद संग्रहण के लिए 10-10 डिब्बे दिए गए हैं। इसमें 5 डिब्बे भरे हुए हैं और 5 खाली हैं। आमतौर पर एक बॉक्स में 6 से 8 छत्ते तैयार होते हैं। शहद तैयार होने के बाद उसे छत्ते को नुकसान पहुंचाए बिना मशीन की मदद से हटा दिया जाएगा। बाद में वही छत्ता पुनः शहद से भर जायेगा। इसलिए इस गांव में कम समय में ज्यादा शहद इकट्ठा हो जाएगा।