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Yavatmal

चंद्रकांत खैरे का दावा:फडणवीस की खुद की विधानसभा सीट खतरे में


यवतमाल: भाजपा के झूठ को महाराष्ट्र की जनता जानती है,उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिस तरह से शिवसेना को विभाजित कर जो राजनीति की है वो भविष्य में उसी पर आयेगी। खुद देवेंद्र फडणवीस की नागपुर की दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट ख़तरे में आयेगी।ऐसा सनसनीखेज दावा किया है.शिवसेना उद्धव ठाकरे के नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने,जो गुरुवार को विश्राम भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे.

खैरे ने कहा उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तो गंभीर रूप से बीमार थे.उसी समय फडणवीस ने कूटनीति खेलकर शिंदे और उनके समर्थकों को अपने साथ जोड़कर शिवसेना को तोड़ दिया। फडणवीस ने बेहद निचले स्तर की राजनीति की है जिसके लिए राज्य की जनता भाजपा को कभी माफ़ नहीं करेगी। जनता की नाराजगी दिखाई दे रही है जिसमे भाजपा की ज़मीन खिंसकती हुई दिखाई दे रही है.खैरे ने विश्वास जताया की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में कम से कम 38 सांसद जीत कर आयेंगे। खैरे ने मांग की कि आगामी चुनाव ईवीएम के बजाये बैलेट पेपर से लिया जाये। इसके लिए सभी राजनीतिक दल एक लड़ाई शुरू करेंगे। आने वाले चुनाव में भाजपा और शिंदे का एक भी विधायक चुनाव नहीं जीतेगा। यहाँ तक की खुद फडणवीस की जगह ही खतरे में है.इसलिए अब फडणवीस ने' हफ्ते में चार दिन नागपुर में रहकर मतदाताओं को जोड़ने का निर्णय लिया है.खैरे ने यह भी दावा किया की शिवगर्जना यात्रा को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है.

सर्वपक्षीय सांसदों को सिर्फ गड़करी का साथ 

खैरे ने कहा की सांसद रहते हुए उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी,मनमोहन सींग के पीएम कार्यकाल को बेहद पास से भेजा है.इस दौर में बदले की राजनीति कभी नहीं थी.2014 के बाद सत्ता में आयी सरकार ने देश में और राज्य में बदले की राजनीति की शुरुवात की,मोदी के राज में मित्र पक्षों को कभी सम्मान नहीं मिला। सांसदों को कभी उचित विकास निधि नहीं मिली। इसमें सिर्फ एक अपवाद नितिन गड़करी है जिन्होंने सर्वपक्षीय सांसदों के कामों को न केवल तरजीह दी बल्कि निधि भी उपलब्ध कराई।