Yavatmal: ‘सफेद सोना’ होने के बाद भी किसानों का निकल रहा दिवाला, कपास चुनने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर
यवतमाल: किसानों का सफेद सोना कहे जाने वाले कपास की आवक बाजार में शुरू हो गई है. निजी व्यापारियों द्वारा किसानों का कपास सस्ते में खरीदा जा रहा है. हालांकि सरकार ने कपास के लिए 7521 रुपये प्रति क्विंटल का रेट घोषित किया है, लेकिन फिलहाल कपास सस्ते में खरीदा जा रहा है.
फिलहाल इसे निजी तौर पर 6 हजार रुपये में खरीदा जा रहा है. ऐसे में कपास चुनने के लिए मजदूर नहीं मिलने से प्रति क्विंटल 10 रुपये यानी 1000 रुपये का खर्च आ रहा है. मजदूरों को यात्रा खर्च भी अलग से देना होगा. इसके कारण मजदूरों के पास तो फसल काटने के दिन होने के बाद भी किसान दिवालिया हो रहे हैं.
दिवाली के मौके पर निजी कपास की खरीद शुरू हो गई है. वर्तमान में, तहसील के पाटनबोरी में एक निजी जिनिंग से कपास खरीदा जा रहा है. लेकिन, किसानों को व्यापारियों के मुंह मांगे दाम पर कपास बेचना पड़ रहा है. बाजार समिति द्वारा इस प्रकार की अनदेखी किये जाने से किसानों में असंतोष है.
इस साल कुछ जगहों पर भारी बारिश के कारण कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ है. इसलिए आय में कमी होने की संभावना है. किसानों के मुसीबत में फंसने की तस्वीर सामने आ रही है क्योंकि उन्हें सस्ते में कपास बेचना पड़ रहा है. इसलिए मांग है कि मार्केट कमेटी सीसीआई के माध्यम से कपास खरीद केंद्र तुरंत शुरू करे.
खेतों में बड़ी संख्या में कपास निकल गए हैं. लेकिन, कटाई के लिए मजदूर नहीं मिलने के कारण कटाई के दाम बढ़ गये हैं. मजदूरों को लाने के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ रही है. उसके ऊपर से पहले से ही क्षतिग्रस्त फसलों की लागत, रोपण से निराई, छिड़काव, बैल चालन, उर्वरक की लागत के चलते किसानों का दिवाला निकल रहा है.
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