उमरखेड़ में हुई मनोज जरांगे पाटिल की सभा, मराठा ओबीसी समाज से शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखने की दी सलाह

यवतमाल: शुक्रवार यवतमाल जिले की उमरखेड़ तहसील गोपिकाबाई गावंडे कॉलेज मैदान में मनोज जरांगे पाटिल की विराट सभा का आयोजन हुआ. इस दौरान पाटिल ने समाज के लोगों से शांतिपूर्ण तरीके आंदोलन जारी रखने को कहा।
मनोज जरांगे पाटिल ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि मराठा समुदाय पिछले 70 साल से आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहा है और समुदाय का यह संघर्ष अपने अंतिम चरण में है। मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा ओबीसी समुदाय को सलाह दी कि वे विपक्ष को कोई प्रतिक्रिया दिए बिना संवैधानिक तरीकों और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के लिए गांव-गांव में पुरुषों और महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाते रहें। साथ ही पाटिल ने युवाओं से किसी भी प्रकार के नशों से भी दूर रहने की अपील की।
छगन भुजबल की बात न सुने सरकार
मनोज जारांगे पाटिल ने आश्वासन दिया कि 24 दिसंबर मराठों के इतिहास में जीत का क्षण होगा। उन्होंने कहा कि वह किसी भी परिस्थिति में आरक्षण नहीं छोड़ेंगे। इस बीच, मंत्री छगन भुजबल मराठा-ओबीसी संघर्ष को भड़काकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं पूरी करना चाहते हैं और छगन भुजबल जगह-जगह ओबीसी भाइयों को बढ़ावा देकर विवाद पैदा कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने छगन भुजबल की बात सुनकर मराठा आरक्षण पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो सरकार को परिणाम भुगतने होंगे।
यह लड़ाई सरकार के खिलाफ
पाटिल ने कहा कि दो-तीन महीने तक गांवों में खूब साजिश रची गई। कुछ लोग ओबीसी और मराठा या अन्य जातीय समुदायों के बीच मतभेद पैदा कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। इसलिए मराठा भाइयों और ओबीसी भाइयों को आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए, हमारी लड़ाई ओबीसी से नहीं बल्कि सरकार से है। उन्होंने कहा कि हमें अपने आंदोलन में राजनीति को नहीं आने देना चाहिए और किसी को भी गुटों और मतभेदों में नहीं बांटना चाहिए।

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