Akola: अस्पतालों में मरीजों की भीड़, 40 फीसदी मरीजों में डायरिया, मलेरिया, डेंगू के लक्षण
अकोला: अस्पताल वर्तमान में डायरिया, वायरल बुखार, मलेरिया, जलवायु परिवर्तन के कारण डेंगू जैसे बुखार, भारी बारिश के बाद रुके हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन, दूषित पानी और अन्य कारणों से पीड़ित मरीजों से भरे हुए हैं। अकोला के सरकारी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध डॉक्टरों ने बताया कि शहर के निजी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले 40 फीसदी मरीज इन्हीं बीमारियों से पीड़ित हैं।
शहरी इलाकों में डेंगू जैसा वायरल बुखार और ग्रामीण इलाकों में दूषित पानी के कारण गैस्ट्रो और डायरिया के मामलों में बढ़ोतरी ने स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चिंता बढ़ा दी है। घर में जवान और बुजुर्ग दोनों सर्दी-खांसी से परेशान हैं। अचानक सर्दी, बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना, डायरिया के मरीज भी बढ़ गए हैं।
अकोला के सर्वोपचार अस्पताल के वार्ड नंबर 30, 31 और 32 में पिछले चार-पांच दिनों से दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों और वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है। प्रत्येक वार्ड में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती हैं।
अस्पताल के तीनों वार्ड मरीजों से भरे हुए हैं। प्रत्येक वार्ड में वायरल बुखार और जलजनित रोगों के 20 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस वार्ड के मुख्य प्रभारी डॉक्टर ने बताया कि प्रतिदिन औसतन 15 नए मरीज वायरल संबंधी बीमारियों के कारण भर्ती हो रहे हैं।
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