Akola: वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन महीने से कम का समय, 25 करोड़ रूपये कर वसूलना अभी भी शेष
अकोला: वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र तीन महीने बचा हुआ है ,लेकिन अभी तक जिला सिंचाई विभाग ने तय टारगेट के अनुसार जल कर का संग्रह नहीं कर पाई है। विभाग को अभी भी 5 करोड़ 97 लाख रुपये सिंचाई और 20 करोड़ रुपये गैर सिंचाई जल कर वसूलना है।
अकोला सिंचाई विभाग की दो बड़ी परियोजनाएं काटेपूर्णा और वन है। वहीं तीन मध्यम जिसमें मोरना, निर्गुण और उमा है। इसी के साथ 24 छोटी परियोजनाएं भी हैं। इस परियोजना से जिले के विभिन्न गांवों की प्यास बुझाई जा रही है। साथ ही हजारों हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। हालांकि पिछले दो साल से खरीफ की फसल को नुकसान हुआ है, लेकिन भारी बारिश के कारण रबी की फसल में इजाफा हुआ है। साथ ही, गैर-सिंचाई योजनाओं के लिए प्रचुर मात्रा में जल संसाधन उपलब्ध कराया गया है।
अब जब मार्च का अंत नजदीक आ रहा है तो अकोला सिंचाई विभाग को भी वसूली का लक्ष्य मिल गया है। गैर-सिंचाई योजनाओं में पानी पट्टी संग्रह की तुलना में सिंचाई (पानी पत्ती) के लिए दिए गए पानी की वसूली कम है। इसलिए सिंचाई विभाग के समक्ष 5 करोड़ 97 लाख रुपये की वसूली का लक्ष्य है।
जल उपयोगकर्ता संगठनों की जिम्मेदारी
परियोजना से सिंचाई के लिए जल जल उपयोग संगठन के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। प्रत्येक परियोजना जल उपयोगिता संगठनों के साथ पंजीकृत है। कुछ हद तक सिंचाई के लिए लिए गए पानी के बकाया भुगतान की जिम्मेदारी जल उपयोगिता संगठनों पर आती है। तो अब जल उपयोगिता संस्थाएं सिंचाई वसूली में कितना सहयोग करती हैं? सिंचाई की रिकवरी इसी पर निर्भर रहेगी।
परियोजनावार सिंचाई वसूली
- वान परियोजना - 1 करोड़ 19 लाख
- काटेपूर्णा परियोजना - 1 करोड़ 97 लाख
- निर्गुण परियोजना - 1 करोड़ 15 लाख
- मोरना परियोजना - 70 लाख
- उमा परियोजना - 22 लाख
- लपा परियोजना - 71 लाख
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