Amravati: मेलघाट टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या 150 के पार, वन विभाग की मेहनत रंग लाई

अमरावती: मेलघाट टाइगर रिज़र्व में वन्यजीव संरक्षण के लिए बनाई गई योजनाओं के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और वर्तमान में इस रिज़र्व में 150 बाघ हैं। इनमें 25 नर, 47 मादा और दो साल तक की उम्र के 78 शावकों के साथ-साथ 27 अन्य युवा बाघ शामिल हैं।
मेलघाट टाइगर रिज़र्व महाराष्ट्र का सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण टाइगर रिज़र्व है और इसकी जैव विविधता पारिस्थितिक दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान मानी जाती है। संरक्षण उपायों, निगरानी प्रणालियों, ड्रोन निगरानी, वॉच टावरों और रिज़र्व क्षेत्र में ग्रामीणों की भागीदारी के कारण बाघों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
आमतौर पर, जंगली जानवरों को प्राकृतिक मृत्यु या मनुष्यों के साथ संघर्ष के कारण बड़े खतरे का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, 2024-25 में केवल एक बाघ की मृत्यु होना प्रशासन और वन विभाग की कार्यकुशलता का एक पैमाना माना जाता है।
स्थानीय आदिवासी और ग्रामीण इस संरक्षण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें रोज़गार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने से वन्यजीवों के साथ संघर्ष कम हुआ है और मेलघाट ने बाघों और मनुष्यों के बीच सह-अस्तित्व की एक मिसाल कायम की है।
मेलघाट स्थित टाइगर रिज़र्व न केवल बाघों, बल्कि कई अन्य प्रजातियों के लिए भी एक सुरक्षित आवास बन गया है। यहाँ तेंदुए, भालू, सांभर, चौसिंगा और गवा जैसी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

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