Amravati: जिले की परियोजनाओं में 46.18 फीसदी जल भंडारण, कई छोटी परियोजनाएं हुई खत्म

अमरावती: गर्मी बढ़ने लगी है, परिणामस्वरूप, सिंचाई परियोजनाओं में जल का स्तर अमूर्तन एवं वाष्पीकरण के कारण दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है. वर्तमान में जिले की परियोजनाओं में मात्र 46.18 फीसदी जल भंडार ही बचा है.
इनमें से 45 छोटी परियोजनाओं में 40.77 फीसदी जल भंडारण है और करीब 30 छोटी परियोजनाएं सूख चुकी हैं. जबकि अन्य छोटी परियोजनाओं में जल भंडारण काफी कम हो रहा है. इसलिए भविष्य में परियोजनाओं पर निर्भर गांवों में जल संकट उत्पन्न होने की आशंका है.
भविष्य में समस्या उत्पन्न होने की आशंका
भविष्य में पानी की और अधिक समस्या उत्पन्न होने की आशंका है. औसत के हिसाब से देखें तो जल संसाधन विभाग के सामने जल भंडार को परियोजना में उपयोग करने की चुनौती है. इसके साथ ही इस साल जलापूर्ति में भी कमी के संकेत मिल रहे हैं.
जिले में एक बड़ी परियोजना अपर वर्धा सहित 7 मध्यम और 45 छोटी जल आपूर्ति परियोजनाएँ हैं. ऊपरी वर्षा बांध, जहां जल आपूर्ति का तनाव सबसे अधिक है, वहां वर्तमान में 285.52 दलघमी यानी 50.62 प्रतिशत जल भंडारण है. सात मध्यम परियोजनाओं में 104.66 दलघमी यानी 40.85 प्रतिशत जल भंडारण है.
तहसील और ग्रामीण जल आपूर्ति मध्यम परियोजनाओं पर निर्भर है। हालांकि कुछ छोटी परियोजनाओं में जल भंडारण की स्थिति अच्छी है, लेकिन इनमें 85.35 दलघमी यानि 40.77 प्रतिशत ही जल भंडारण है।
जल संसाधन विभाग का कहना है कि अप्रैल और मई के भीषण गर्मी महीनों और जून के ढाई महीनों के दौरान जल आपूर्ति पर तनाव को देखते हुए उपलब्ध जल संसाधन पर्याप्त हैं. लेकिन, जिले के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति अपर्याप्त होने लगी है. वर्तमान में सिंचाई का तनाव कम हो गया है. यह इसका अच्छा पक्ष है. लेकिन, आने वाले समय में तापमान और बढ़ेगा. अत: बढ़ती मांग एवं वाष्पीकरण के कारण जल भण्डारण में कमी आने की सम्भावना है. तो पानी की कमी होने के संकेत हैं.

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