logo_banner
Breaking
  • ⁕ CRPF डीजी की बेटी ने की आत्महत्या, फ्लैट में फांसी लगाकर दी जान; AIIMS नागपुर में कर रही थी पढ़ाई ⁕
  • ⁕ अकोला के एक युवक का शरद पवार को अनोखा पत्र, अपनी शादी कराने की लगाई गुहार ⁕
  • ⁕ Buldhana: चिखली तहसील कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की ट्रेन से गिरकर हुई मृत्यु, मुंबई से चिखली लौटते समय कसारा घाट पर हुई घटना ⁕
  • ⁕ मेलघाट में कुपोषण से 65 बच्चों की मौत; हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार ⁕
  • ⁕ Nagpur: मौज मस्ती करते ओयो में मिला कुख्यात वाहन चोर, क्राइम ब्रांच के वाहन चोरी विरोधी दस्ते की कार्रवाई ⁕
  • ⁕ उपराजधानी नागपुर के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस हुआ दर्ज ⁕
  • ⁕ Amravati: विवाह समारोह में स्टेज पर दूल्हे पर चाकू से जानलेवा हमला, आरोपी अकोला से गिरफ्तार ⁕
  • ⁕ Akola: बालापुर नगर परिषद चुनाव सुरक्षा सतर्कता! पुलिस और महसूल विभाग ने शुरू किया संयुक्त जांच अभियान ⁕
  • ⁕ Gondia: जिले में धान क्रय केंद्र शुरू नहीं होने से किसान चिंतित, किसानों ने जल्द से जल्द खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग ⁕
  • ⁕ जीरो माइल मेट्रो टनल परियोजना: उच्च न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान, अदालत ने महा मेट्रो से अनुमतियों और सुरक्षा मानकों की मांगी जानकारी ⁕
Amravati

मेलघाट में कुपोषण से 65 बच्चों की मौत; हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार


अमरावती: आदिवासी बहुल मेलघाट में कुपोषण के कारण बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि जून से अब तक शून्य से छह महीने की उम्र के 65 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार जन स्वास्थ्य के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटिल की पीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। अदालत ने कहा, “हम 2006 से इस मुद्दे पर आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन सरकार केवल कागज़ों पर ही सब कुछ ठीक-ठाक दिखा रही है। हकीकत में, स्थिति भयावह है। यह सरकार के गैर-ज़िम्मेदाराना रवैये का संकेत है।”

पीठ ने राज्य सरकार को कुपोषण के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेने का निर्देश दिया और स्वास्थ्य, जनजातीय, महिला एवं बाल कल्याण तथा वित्त विभागों के प्रमुख सचिवों को 24 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया।

अदालत ने यह भी सुझाव दिया है कि आदिवासी इलाकों में तैनात डॉक्टरों को वहाँ की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में सुधार के लिए ज़्यादा वेतन दिया जाना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार को इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।