मेलघाट में कुपोषण से 65 बच्चों की मौत; हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
अमरावती: आदिवासी बहुल मेलघाट में कुपोषण के कारण बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि जून से अब तक शून्य से छह महीने की उम्र के 65 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार जन स्वास्थ्य के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटिल की पीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। अदालत ने कहा, “हम 2006 से इस मुद्दे पर आदेश जारी कर रहे हैं, लेकिन सरकार केवल कागज़ों पर ही सब कुछ ठीक-ठाक दिखा रही है। हकीकत में, स्थिति भयावह है। यह सरकार के गैर-ज़िम्मेदाराना रवैये का संकेत है।”
पीठ ने राज्य सरकार को कुपोषण के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेने का निर्देश दिया और स्वास्थ्य, जनजातीय, महिला एवं बाल कल्याण तथा वित्त विभागों के प्रमुख सचिवों को 24 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का आदेश दिया।
अदालत ने यह भी सुझाव दिया है कि आदिवासी इलाकों में तैनात डॉक्टरों को वहाँ की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में सुधार के लिए ज़्यादा वेतन दिया जाना चाहिए। अदालत ने राज्य सरकार को इस पूरी स्थिति से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
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