Amravati: बाढ़ पीड़ित किसानों को बड़ी राहत, राहत के तौर पर मिलेगी 298 करोड़ की मदद

अमरावती: जुलाई -अगस्त में हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से जिले के हजारों एकड़ फसल पानी में बाह गई थी। जिसके कारण किसानो को बड़ा नुकसान हुआ है। किसानों को राहत देने के लिए जिलाधिकारी ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार को भेजे प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिलती है तो किसानों बाढ़ से हुए नुकसान भरपाइके लिए 298 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी। सरकार को भेजे प्रस्ताव में जिला प्रशासन ने 278 करोड़ रुपये उन किसानों के लिए होंगे जिन्हें लगातार बारिश से नुकसान हुआ है। शेष 20 करोड़ रुपये उन किसानों के लिए होंगे, जिन्हें भूमि कटाव का नुकसान हुआ है।
सरकार ने हाल ही में जून-जुलाई में भारी बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 533 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है। तीन हेक्टेयर की सीमा के भीतर 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान झेलने वाले किसानों को ही इस कोष से मदद दी जाएगी। ऐसे करीब ढाई लाख किसान हैं। ऐसे में सवाल उठा कि बाकी किसानों का क्या। इस बीच, राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस जिले का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने व्यवस्था प्रमुखों के साथ एक बैठक भी की और एक अलग प्रस्ताव मांगा जिसमें कहा गया कि भारी बारिश नहीं हुई है, लेकिन लगातार बारिश से नुकसान होने वाले किसानों को भी मदद दी जाएगी।
जिले के 11 तहसील शामिल
जिला प्रशासन ने एक अलग प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें 11 तहसील को शामिल किया गया है। इस प्रस्ताव के तहत 2 लाख 16 हजार 304 किसानों को सुरक्षा कवच मिला है और लगातार बारिश से उनकी 1 लाख 71 हजार 491.55 हेक्टेयर कृषि को नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान के लिए उन्हें 277 करोड़ 58 लाख 99 हजार 916 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, वरुड तहसील के उन किसानों को 2 करोड़ 19 लाख 80 हजार 250 रुपये अलग से दिए जाएंगे, जिनकी जमीन स्क्रैपिंग से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस प्रकार 24 घंटे में भारी वर्षा या 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान के दो तकनीकी मानदंडों में फंसे किसानों को सहायता दी जाएगी।
सरकार ने मुआवजा किया दोगुना
सरकार ने पिछले साल की तुलना में इस साल मुआवजे की राशि को दोगुना कर दिया है। साथ ही सहायता की सीमा भी 2 हेक्टेयर से 3 हेक्टेयर कर दी गई। ऐसे में भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए लोगों को काफी राहत मिली है। लेकिन राहत पाने वाले इन किसानों की संख्या कुल किसानों के मुकाबले आधी ही थी। एक बड़ा वर्ग था जो कहता था कि इससे भारी बारिश नहीं हुई, लेकिन लगातार बारिश से भारी बारिश से ज्यादा नुकसान हुआ। अब चूंकि उन्हें भी मदद दी जाएगी, इसलिए जिले के अधिकांश किसान कृषि भूमि और फसलों के नुकसान के लिए दी जाने वाली सब्सिडी के पात्र होंगे।

admin
News Admin