Chandrapur: राज्य में दो महीने में आठ की मौत, अकेले चंद्रपुर से छह

चंद्रपुर: देश के एक तरफ बाघों के संरक्षण को लेकर बड़ा काम किया जारहा है। लेकिन दूसरी तरफ उनके शिकार और मौत के मामले में लगातर बढ़ोतरी जारी है। इसी बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। जिसके तहत जनवरी और फ़रवरी में आठ बाघों की मौत हुई है। जिसमें से छह केवल चंद्रपुर जिले के हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद वन विभाग में खलबली मची हुई है।
खाद्य श्रृंखला में बाघ एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानवर है। इनके समुचित संरक्षण एवं संरक्षण के लिए वन विभाग राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमानुसार योजना बनाता है। हालांकि वन विभाग अभी तक बाघ की मौत को रोकने में सफल नहीं हो पाया है। 2023 के दो महीनों में 34 बाघों की मौत हो चुकी है। चंद्रपुर जिले के बाद मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बाघों की मौत हुई है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है।
ऐसे हुई बाघों की मौत
3 जनवरी को ब्रह्मपुरी तहसील में एक खेत के कुएं में एक बाघ मृत पाया गया था। 4 जनवरी को सावली रेंज से रेस्क्यू की गई बाघिन की 14 जनवरी को गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बाद में भद्रावती रेंज के माजरी में 14 जनवरी की रात एक खेत में और 5 फरवरी को पोंभुरना रेंज के घोसारी बीट के एक खेत में बिजली गिरने से एक बाघ की मौत हो गई थी।
इसके बाद बाघ की वाहन की टक्कर से मौत हो गई। 12 फरवरी को वरोरा रेंज की सीमा पर पोथरा नदी में बाघ का शव तैरता मिला था। ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन के सेल नंबर 278 में 26 फरवरी को एक पूर्ण विकसित बाघ की मौत हो गई थी। दो महीने के अंतराल में छह बाघों की मौत ने वन विभाग की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है।
भारत में सबसे ज्यादा बाघ
भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा बाघ हैं और इनकी संख्या 2 हजार 967 है। इसके बाद रूस 433, इंडोनेशिया 371, नेपाल 355, थाईलैंड 149, मलेशिया 120, बांग्लादेश 106, भूटान 103, चीन 55, म्यांमार 22 बाघ हैं।

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