Padma Awards 2023: झाड़ीपट्टी रंगभूमि कलाकार परशुराम कोमाजी खूने पद्मश्री से सम्मानित
गडचिरोली: केंद्र सरकार ने बुधवार को पद्मा पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। जिसके तहत जिले के झाड़ीपट्टी रंगभूमि कलाकार परशुराम कोमाजी खूने (Parshuram Komaji Khune) को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। रंगमंच के क्षेत्र में योदान को लेकर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
क्या है झाड़ीपट्टी?
यह एक लोक नाटक है, जो विदर्भ राज्य के पूर्वी हिस्से के जिलों चंद्रपुर, गडचिरोली, गोंदिया और भंडारा में किया जाता है। धन की फसल जब कटने को आती ही उस समय यह नाटक का आयोजन किया जाता है। राज्य के इस हिस्से में बड़ी संख्या में वन मौजूद है, इसलिए इसका नाम झाड़ीपट्टी पड़ा। यह नाटक उस क्षेत्र के लोक कलाकारों द्वारा किया जाता है।
800 से ज्यादा किरदार निभाए
परशुराम खूने ने अपने जीवन में 5000 हजार से ज्यादा नाटकों में भाग लिया है। जिसमें उन्होंने 800 से ज्यादा किरदार निभाया है। खूने लोक नृत्य के माध्यम से लोगों को जागृत करने का काम भी करते हैं। उन्होंने इसके माध्यम से नक्सलियों के बहकावे में आ चुके कई युवाओं को वहां से बाहर निकला है। इस के साथ वह इसके माध्यम से समाज के अंदर मौजूद कई कुरूतियों के खिलाफ लोगों को जागृत करने का भी काम करते हैं।
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