नागरिकों को नहीं जाने पड़ेगा पुलिस थाना, घर बैठे मिलेगी सभी सुविधाएं

गड़चिरोली: जिला पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल की संकल्पना से पुलिस दादालोरा खिड़की यह उपक्रम चलाया जा रहा है. इस उपक्रम के तहत अब तक जिले के हजारों युवाओं को रोजगार मिला है. साथ ही ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्र के लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ भी दिलाया गया है. ऐसे में दादालोरा खिड़की के माध्यम से दी जानेवाली सुविधाएं लोगों को उनके घरों में ही मिले, इसलिये पुलिस विभाग द्वारा एक एप तैयार किया गया है. जिससे अब जिले के दुर्गम व अतिदुर्गम क्षेत्र के नागरिकों को इस एप के जरिये उनके घरों में ही सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इसपर अमल करने के लिये पुलिस मुख्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें करीब 120 युवक-युवती समेत पुलिस कर्मी उपस्थित हुए थे. कार्यशाला में एप के माध्यम दादालोरा खिड़की योजना प्रभावी रूप से चलाने हेतु मार्गदर्शन किया गया. कार्यशाला में प्रमुख अतिथि के रूप में अपर पुलिस अधिक्षक सोमय मुंड़े, अपर पुलिस अधिक्षक समीर शेख, अहेरी के अपर पुलिस अधिक्षक अनुज तारे, सीएससी के डिस्ट्रिक्ट मॅनेजर आकाश खोड़वे, विशाल कुंभालकर आदि मान्यवर उपस्थित थे.
योजना पर अमल करने किया मार्गदर्शन
इस कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों को एप संदर्भ में जानकारी दी गई. इस एप की जानकारी के से दुर्गम, अतिदुर्गम परिसर के नागरिकों को पुलिस दादालोरा खिड़की अंतर्गत बैंक सेवा, जाति प्रमाणपत्र, फसल बिमा, प्रधानमंत्री बिमा योजना, ई-श्रम कार्ड, पेंशन सर्विस, इन्शुरंस आदि जैसी सुविधा घर में ही उपलब्ध होगी. इस समय अगस्त व सितंबर 2022 का वीएलइ के उल्लेखनीय कार्य करनेवाले युवक-युवतियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यशाला में जिले के सभी उपविभागीय पुलिस अधिकारी समेत नागरी कृति शाखा के प्रभारी सहायक पुलिस निरीक्षक महादेव शेलार, पुलिस उपनिरीक्षक धनंजय पाटिल व पुलिस कर्मचारी उपस्थित थे.
2866 युवाओं को मिला रोजगार
गड़चिरोली पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे पुलिस दादालोरा खिड़की योजना के माध्यम से अब तक करीब 2866 युवाओं को रोजगार मिला है. जिनमें सुरक्षा रक्षक 512, नर्सिंग असिस्टंट 1143, हॉस्पीटॅलीटी 314, ऑटोमोबाईल 276, इलेक्ट्रिशियन 167, प्लंम्बींग 35, वेल्डिंग 38, जनरल ड्यूटी असिस्टंट 314, फिल्ड ऑफीसर 11,वीएलई 52, सेल्समॅन 4 का समावेश है.
3554 युवा बने आत्मनिर्भर
कृषि तंत्रज्ञान व व्यवस्थापन (आत्मा) सोनापुर, गड़चिरोली व बीओआई आरसेटी गड़चिरोली के माध्यम से ब्युटीपार्लर 140, मत्स्यपालन 87, कुकुटपालन 504, बदक पालन 100, वराहपालन 10, बकरीपालन 80, शिवणकला 222, मधुमखी पालन 32, फोटोग्राफी 65, सब्जी उत्पादन 525, पुलिस भर्ती पूर्व प्रशिक्षण 880, टू-व्हिरल दूरूती 64, फास्ट फुड 65, चौपहिया वाहन प्रशिक्षण 502, एमएससीआईटी 200, कराटे प्रशिक्षण 48, ऐसे कुल 3554 युवाओं को स्वयंरोजगार का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया है.

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