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Gadchiroli

साहूकारों पर दर्ज करें मामला, पीड़ित ज्योत्सना राजुरकर के साथ परिवार ने दी आंदोलन की चेतावनी


गड़चिरोली: लिए गए कर्ज की राशी की तुलना में तिन गुजा राशी देने के बावजूद निरंतर कर्ज की राशी देने की मांग करने से मानसिक व वित्तीय परेशानी से त्रस्त होकर पती मनोज राजुरकर ने आत्महत्या की. इस संदर्भ में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज किए हुए 3 माह का कालावधि बितने के बावजूद संबंधितों पर कार्रवाई नहीं की गई. अवैध रूप से सावकारी व भिसी का व्यवसाय करनेवाले नेवलेकर दम्पत्ती पर पती को आत्महत्या हेतु प्रवृत्त करने के आरोप में मामला दर्ज करे, अन्यथा न्याय के लिए पुलिस अधिक्षक कार्यालय के समक्ष आंदोलन करने की चेतावनी ज्योत्स्ना राजूरकर के साथ परिवार ने आज आयोजित पत्रपरिषद में दी है. 

पत्रपरिषद में जानकारी देते हुए ज्योत्स्ना राजुरकर ने बताया कि, मनोज नेवलकर व मिना नेवलकर यह दोनों बचत गुट के माध्यम से ब्याज पर राशी देने का व्यवसाय कर रहे है. जिसके तहत मै बचत गुट की सदस्य भी हु. 5 वर्ष पूर्व पती मनोज राजुरकर ने उनके द्वारा 5 प्रश ब्याज पर 16 लाख रूपयों का कर्ज लिया था. ब्याज की राशी पर प्रति माह 1 लाख रूपये के तहत 60 लाख रूपये ब्याज का भुगतान करने के बावजूद पैसे बाकी होने की बात कहकर नेवलेकर दम्पत्ती पैसों की मांग कर रही थी. उस समय पती मनोज ने खेत जमिन को बेचकर पैसे जमा किए. इसके बावजूद 16 लाख रूपये बाकी होने का बताकर निरंतर राशी देने की मांग कर रहे थे. 

इसी दौरान उन्होने समाज में, मित्र, रिश्तेदारों में बदनामी शुरू की. जिस कारण पती हमेशा मानसिक तणाव में रहते थे. उन्हे मानसीक व वित्तीय परेशानी बर्दाश्त के चरमसीमा पर पहुंचने से 11 अगस्त को उन्होने आत्महत्या की. पती को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के संदर्भ में स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज की गई. किंतु 3 माह का कालावधि बितने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं नेवलेकर दम्पत्ती का अवैध सावकारी व्यवसाय शुय है. 

इसी भरोसे उन्होने व्यापक मालमतता इकट्टा की है. जिस कारण इसकी विस्तृत जांच कर आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के मामले में मामला दर्ज करे, अन्यथा 7 दिन के पश्चात शिवसेना के नेतृत्व में पुलिस अधिक्षक कार्यालय के समख आंदोलन करने की चेतावनी संपूर्ण राजुरकर परिवार ने दी है. पत्रपरिषद में ज्योत्सना राजुरकर, शिवसेना की छाया कुंभारे, छबू राजुरकर, राहूल राजुरकर, माधूरी राजुरकर, सूलभा राजुरकर, जया राजुरकर, सुनिला राजुरकर, मदन राजुरकर आदि उपस्थित थे.