Gadchiroli: जिले के निवासियों को बड़ी राहत, 'माइनिंग कॉरिडोर' का रास्ता हुआ साफ़
गढ़चिरौली: पिछले दो वर्षों से दक्षिण गढ़चिरौली में चल रहे लौह अयस्क खनन और हजारों की संख्या में चलने वाले भारी वाहनों ने इस क्षेत्र के निवासियों को चौंका दिया है। इसके समाधान के तौर पर पालक मंत्री ने 'माइनिंग कॉरिडोर' बनाने की घोषणा की थी. इसे अब सील कर दिया गया है और राज्य सरकार ने नवेगांव मोड़ से सुरजागढ़ तक 83 किमी लंबे 'ग्रीनफील्ड' विशेष राजमार्ग को मंजूरी दे दी है। इसलिए इस क्षेत्र के नागरिकों को भारी ट्रैफिक से राहत मिलेगी.
एटापल्ली तहसील में सुरजागढ़ पहाड़ी पर लौह अयस्क खनन की सफल शुरुआत के साथ, प्रशासन क्षेत्र में लंबित खनन पट्टों को खोलने के लिए तैयारी कर रहा है। इसलिए, खनन किए गए खनिजों के सुचारू परिवहन के लिए 'खनन गलियारा' बनाने की आवश्यकता थी। पालकमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भी एक साल पहले इसकी घोषणा की थी।
बुधवार को राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी कर नवेगांव मोड़ से सूरजगढ़ तक 83 किमी के विशेष हाईवे को मंजूरी दे दी। इससे राज्य के विकसित हिस्सों में खनिज संपदा के सुचारू और किफायती परिवहन में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यातायात के कारण चल रही दुर्घटनाओं का सिलसिला भी टूटेगा और आसपास के गांवों को धूल से निजात मिलेगी। सरकार गढ़चिरौली में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर अधिक जोर दे रही है ताकि भविष्य की बड़ी परियोजनाओं में बाधा न आए। इसीलिए जिले को समृद्धि और भारतमाला जैसे एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का काम शुरू हो गया है।
कोनसारी की परियोजना में लगभग 15 हजार नौकरियाँ पैदा होंगी और क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। इसके अलावा सरकारी सर्कुलर में दावा किया गया है कि सड़क बनने से इस इलाके के आदिवासी गांवों को स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ तुरंत मिलने में मदद मिलेगी।
ऐसा होगा राजमार्ग
खनिज यातायात बढ़ाने के लिए मुत्तापुर-वडलापेठ-वेलगुर-टोला-येलचिल (इजिमा) मार्ग के साथ-साथ, नवेगांव मोर-कोनसारी-मुलचेरा-हेड्री से सुरजागढ़ खदान सड़क को लिया जाएगा। इस विशेष राजमार्ग पर केवल खनन किया जाएगा। जिससे नागरिकों को धूल व दुर्घटनाओं से निजात मिलेगी।
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